Indian Air Force Aerial Strike:   26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई में करीब 325 आतंकियों के मारे जाने की बात कही जा रही है। बता दें कि बालाकोट पाकिस्तान के मानसेहरा जिले के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र आता है। गौरतलब है कि जैश-ए-मोहम्मद के इस आतंकी ठिकाने का मुखिया जैश मुखिया मसूद अजहर का बहनोई मौलाना युसुफ अजहर था।

कहां है बालाकोट: बता दें कि बालाकोट पाकिस्तान के मानसेहरा जिले के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र आता है। ये एबटाबाद से 63 किलोमीटर, इस्लामाबाद से 200 किमी और मुजफ्फराबाद से 40 किलोमीटर दूर है। साथ ही मुजफ्फराबाद पीओके की राजधानी है तो वहीं एबटाबाद वो जगह है जहां 2011 में यूएस आर्मी ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने जैश ए मोहम्मद के जबहा हिल टॉप पर एयर स्ट्राइक की थी।

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6 एकड़ में फैला था ट्रेनिंग कैंप: बता दें कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद का ट्रेनिंग कैंप 6 एकड़ में फैला था। जिसमें करीब 600 आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी। वहीं आखिरी पासिंग आउट परेड 1 अप्रैल 2018 को मुफ्ती अब्दुल रौफ अजगर द्वारा हुई थी। बता दें कि मुफ्ती अब्दुल जैश के फाउंडर मौलाना मसूद अजहर का भाई है। वहीं इस कैंप की जिम्मेदारी मसूद अजहर ने अपने बहनोई मौलाना युसुफ अजहर को दी थी। इस बात की जानकारी विदेश सचिव विजय गोखले ने दी। वहीं जैश पर बने भारतीय डोजियर में युसुफ अजहर के फोटोज है, इसके साथ ही उसके उस गाड़ी के साथ भी फोटोज हैं जिससे वो ट्रेनिंग ग्राउंड और फायरिंग रेंज के चप्पे चप्पे पर नजर रखता था।

 

बालाकोट था जैश का अहम ठिकाना: बता दें कि बालाकोट जैश के लिए काफी अहम ठिकाना था। बता दें कि यहीं पर ही पुनरुत्थानवादी नेता सैय्यद अहमद शहीद और उनके साथी शाह इस्माइल शहीद को दफन किया गया था। गौरतलब है कि ये दोनों ही बालाकोट में 1831 में महाराजा रंजीत सिंह की सेना द्वारा मारे गए थे। वहीं बालाकोट के इस ठिकाने का नाम सैय्यद अहमद शहीद के नाम पर ही रखा गया था।