बिहार में बाहुबली पत्नी या रिश्तेदारों को चुनाव में खड़ाकर उनके सहारे राजनीति में अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश में हैं। 2014 संसदीय चुनाव के पहले तक वे खुद ही चुनाव मैदान में किस्मत आजमाते रहे हैं। लेकिन चुनाव आयोग के दबाव या अदालतों के अयोग्य ठहरा दिए जाने के बाद बाहुबलियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगी है। अबकी बाहुबली माने जाने वाले कई पूर्व सांसद चुनाव मैदान से गायब हैं। इनमें मोहम्मद शाहबुद्दीन, सूर्यभान सिंह, प्रभुनाथ सिंह, अंनत सिंह, मुन्ना शुक्ला, राजन तिवारी, सतीश चंद्र दुबे, रमा सिंह, मनोरंजन सिंह। मगर इनमें से कई की पत्नी और रिश्तेदार चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हें राजनीतिक दलों ने गले लगाने में कोई परहेज नहीं किया है।
इसी कड़ी में कुछ सीटों पर दाखिल पर्चे और सत्ता समर में डटे बाहुबलियों और रिश्तेदारों पर राजनीति के तटस्थ जानकार निगाह डालते हैं। सिवान के बाहुबली मो. शाहबुद्दीन को अदालत ने अपहरण और हत्या के मामलों में सजा मुकर्रर कर दी। इसके बाद 2004 और 2009 में हुए लोकसभा का चुनाव पत्नी हिना साहब राजद टिकट पर लड़ीं। वे हार गईं। इस दफा फिर राजद की लालटेन निशान पर वे सिवान से चुनाव लड़ रही हैं। इनके मुकाबले जद (एकी) ने अजय सिंह की पत्नी कविता देवी को मैदान में उतारा है। कविता देवी जद (एकी) की विधायक भी हंै। बाहुबली पूर्व सांसद सूर्यभान सिंह के छोटे भाई चंदन कुमार राजग की लोजपा के नवादा सीट से उम्मीदवार हैं। ध्यान रहे कि सूर्यभान सिंह को चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिए जाने के बाद पत्नी वीणा देवी को लोजपा की टिकट पर मुंगेर संसदीय सीट से चुनाव लड़वाया गया था। उस वक्त जद (एकी) राजग के साथ नहीं था। नतीजतन जद (एकी) के उम्मीदवार राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह चुनाव हार गए थे। अबकी भाजपा-जद (एकी)-लोजपा साथ हैं। इसी वजह से सीट बंटवारे में मुंगेर सीट जद (एकी) के हिस्से गई है। राजीव रंजन ने जद (एकी) के प्रत्याशी फिर बन आठ अपैल को पर्चा दाखिल किया है। बदले में लोजपा को नवादा सीट दी गई है। नवादा सीट पर लोजपा के चंदन कुमार के मुकाबले महगठबंधन के राजद ने नाबालिग के साथ बलात्कार के दोषी पाए गए और विधायक से कोर्ट के आदेश पर हटाए गए राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा ने बाहुबली बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी को शिवहर सीट से उतारा है। प्रसाद बिहार में राज्यमंत्री रहे। इनकी हत्या 1998 में कर दी गई थी। शिवहर सीट से कांग्रेस ने जेल में सजा काट रहे बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद को टिकट न देने की वजह से वे निर्दर्लीय चुनाव में उतरने की घोषणा कर चुकी हैं। राजद ने कई आपराधिक मामले झेल रहे सुरेंद्र यादव को जहानाबाद और सरफराज आलम को अररिया से चुनाव मैदान में उतारा है। मगर बाहुबली छवि के राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव को किसी भी दल ने टिकट नहीं दिया है। पप्पू की पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस की टिकट पर सुपौल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वे 2014 का चुनाव भी यहीं से जीती थीं। पप्पू यादव भी मधेपुरा सीट से पिछला चुनाव राजद टिकट पर लड़े और जीते थे। मगर इस दफा शरद यादव यहां से राजद के उम्मीदवार है। पप्पू यादव 2004 में भी मधेपुरा से जीते थे।
इससे पहले 1991, 1996 और 1999 का चुनाव सीमांचल की पूर्णिया सीट से इन्हें विजयश्री मिली थी। 1998 में कम्युनिस्ट विधायक अजित सरकार की हत्या के आरोप में इन्हें निचली अदालत से उम्र कैद की सजा मिली थी। बाद में पटना उच्च न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था। इसकी अपील उच्चतम न्यायालय में लंबित बताई जा रही है।

