Wolf Attack in UP: यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के आतंक से सिर्फ आम लोग नहीं, पुलिस-प्रशासन तक की नींद उड़ गई है। वन विभाग के कर्मचारी दिन रात इनको पकड़ने के लिए ‘ऑपरेशन भेड़िया’ अभियान चलाने में जुटे हैं, लेकिन ये पकड़ में नहीं आ रहे हैं। पिछले करीब डेढ़ महीने से बहराइच जिले के आबादी वाले क्षेत्रों में आकर लोगों पर हमला कर रहे हैं। इनके हमले में अब तक कई बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हो चुकी है। भेड़ियों ने करीब 30 लोगों पर हमले किए हैं। इससे गांव में लोग बुरी तरह दहशत में है। हर कोई परेशान है। रात में न लोग सो पा रहे हैं और न दिन में अपना काम कर पा रहे हैं। अफसरों ने लोगों से रात में बाहर नहीं निकलने का आग्रह किया है।

थर्मल एवं रेगुलर कैमरों वाले ड्रोन और ट्रेंकुलाइजर के जरिए पकड़ने की कोशिश

हालांकि वन विभाग ने तीन भेड़ियों को पकड़ा है। वन विभाग का कहना है कि भेड़ियों पर काबू पाने के लिए थर्मल एवं रेगुलर कैमरों वाले ड्रोन और ट्रेंकुलाइजर का इस्तेमाल किया जा रहा है। अफसरों का कहना है कि जिले के महसी तहसील में 35 किमी क्षेत्र के दायरे में ये भेड़िये घूम रहे हैं। कई अधिकारी वहां पर कैंप कर लोगों की मदद और भेड़ियों को पकड़ने के काम की निगरानी कर रहे हैं।

बचाव कार्य देखने के लिए प्रदेश के वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी मौके पर पहुंचे

आदमखोर भेड़ियों के हमलों से लोगों को बचाने के काम की निगरानी करने के लिए प्रदेश के वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण सक्सेना ने बुधवार को मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अफसरों को कई तरह के दिशा निर्देश दिए। सिसैया चूड़ामणि के मजरा कोलैला गांव में पहुंचे वन मंत्री ने मीडिया से कहा, ”भेड़ियों से जनता को बचाने में कई विभाग लगे हुए हैं। समस्या का समाधान जल्द होगा और तब तक हमने लोगों से लाठी-डंडे लेकर घरों में दरवाजे बंद कर सोने की अपील की है। जिन घरों में शौचालय या दरवाजे नहीं हैं उनके लिए सरकार की ओर से इसका इंतजाम किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, ”यहां पुलिस, वन विभाग एवं अन्य विभागों की टीम मुस्तैदी से तैनात हैं। पीएसी लगाई जा रही है। जल्दी ही जानवर पकड़े जाएंगे लेकिन तब तक गांव वासियों को एहतियात बरतने की जरूरत है। तीन भेड़िए पकड़े जा चुके हैं और बाकी का पता चल गया है। मंत्री ने अधिकारियों को भेड़ियों को पकड़ने के अभियान को अंजाम तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। सक्सेना ने पीड़ित परिवारों से कहा कि इस दुख की घड़ी में शासन-प्रशासन आपके साथ है।

वन मंत्री के साथ पहुंची प्रदेश की प्रमुख वन संरक्षक रेनू सिंह ने कहा, ” भेड़िए के हमलों से पांच मौतों की पुष्टि हुई है। दो अन्य मौतें रिपोर्ट हुई हैं लेकिन वे संदिग्ध हैं। उनकी जांच चल रही है, जांच के बाद पुष्टि होगी कि उनकी मौत भेड़िए के हमले से हुई है या किसी अन्य वजह से। तीन भेड़िए हम पकड़ चुके हैं। हम तब तक यहां से नहीं जाएंगे जब तक भेड़िए पकड़ नहीं लिए जाते।”

इस काम में नोडल अधिकारी बनाए गए बाराबंकी के प्रभागीय वन अधिकारी आकाशदीप बधावन ने कहा, ”शायद एक लंगड़े भेड़िए की आदत बिगड़ने से भेड़ियों का झुंड महसी क्षेत्र के इंसानी बच्चों के लिए काल बन गया है। अभी हमने जो पद चिन्ह के नमूने लिए हैं उनके मुताबिक बाकी बचे तीन में से एक भेड़िया सम्भवत: लंगड़ा है। इस कारण वह ठीक से चल नहीं पा रहा है और शिकार में असमर्थ लग रहा है। संभवतः इसीलिए वह आसान एवं कमजोर शिकार तलाशता है और घात लगाकर अकेले होने पर छोटे बच्चों को निशाना बनाता है।”