जय बदरी विशाल के गगनभेदी उद्घोष के साथ गढ़वाल हिमालय में स्थित विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ मंदिर के कपाट बुधवार (11 मई) को छह महीने के अंतराल के बाद श्रद्घालुओं के लिए दोबारा खोल दिए गए। चमोली में स्थित 11 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित भगवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध चारों धामों के कपाट खुल गए हैं। अन्य तीनों धामों गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट नौ मई को अक्षय तृतीया के पर्व पर खोले गए थे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के विशेष कार्याधिकारी वीडी सिंह ने बताया कि धार्मिक रीति-रिवाज व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सुबह 4:35 बजे बदरीनाथ के कपाट श्रद्घालुओं के लिए खोल दिए गए।

इस अवसर पर हजारों तीर्थयात्रियों ने अखंड ज्योति के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। कपाट खुलने के अवसर पर स्थानीय भोटिया जनजाति की महिलाओं ने अपने पारंपरिक लोकगीतों, लोक नृत्यों व मंगल गीतों से बदरी विशाल की महिमा का व्याख्यान किया। चारों धामों के कपाट हर साल सर्दियों में क्षेत्र में भारी बर्फबारी की चपेट में रहने के कारण श्रद्घालुओं के दर्शन के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो गर्मियां आने पर दोबारा खोल दिए जाते हैं। छह महीने के यात्रा मौसम में इन धामों के दर्शनों के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्घालु आते हैं।