अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले सपा नेता आजम खान ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद हो सकता है। दरअसल रामपुर में एक कार्यक्रम के दौरान स्थानीय सांसद आजम खान ने मुस्लिम समुदाय की तरक्की और शिक्षा पर बोलते हुए कहा कि ‘हम बच्चे पढ़ा रहे हैं, हमने नाचघर नहीं खोला है। मैं इस लफ्ज का खासतौर पर इस्तेमाल कर रहा हूं और लोग जान रहे हैं कि यह शब्द कहां जाकर लग रहा है। जिस समाज में इस लफ्ज को मोहतरम मान लिया जाएगा, क्या तरक्की करेगा वो समाज और कैसे सिर उठाकर चलेगा?’जी हिंदुस्तान ने आजम खान के इस बयान की वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की है।

माना जा रहा है कि आजम खान ने परोक्ष रुप से भाजपा नेता जयाप्रदा पर निशाना साधा है। बता दें कि आजम खान इससे पहले भी जयाप्रदा को लेकर अमर्यादित टिप्पणी कर चुके हैं, जिसे लेकर आजम खान को काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी। वहीं आजम खान के इस बयान पर शिवसेना ने कड़ा ऐतराज जताया है। शिवसेना नेताओं का कहना है कि ‘महिलाओं का अपमान करके जो प्रसिद्धि चाहते हैं, उन पर महिला आयोग को जांच कर योग्य कार्रवाई करनी चाहिए। जब तक इन नेताओं पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ये लोग इसी तरह की भाषा बोलते रहेंगे।’

बता दें कि लोकसभा चुनावों के दौरान रामपुर से आजम खान का सामना भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं जयाप्रदा के साथ ही था। चुनावों के दौरान भी आजम खान ने जयाप्रदा को लेकर विवादित बयान दिया था। आजम खान इससे पहले भी अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। साल 2014 में गाजियाबाद में दिए अपने एक बयान में आजम खान ने कहा था कि कारगिल में जीत के लिए जो लड़े, वो हिंदू सिपाही नहीं थे, ब्लकि वह मुस्लिम सिपाही थे। इसी साल आम चुनावों के दौरान आजम खान ने कहा था कि संजय गांधी को इमरजेंसी के दौरान लोगों की नसबंदी करने और राजीव गांधी को विवादित स्थल अयोध्या में शिलान्यास करने की ऊपर वाले ने सजा दी।