गंगा की अविरलता व निर्मलता को लेकर आंदोलनरत ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को भी रविवार को एम्स दिल्ली के इमरजंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। इससे पहले गंगा रक्षा की मांग को लेकर 64 दिनों से आंदोलन कर रहीं साध्वी पद्मावती की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें एम्स के गहन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) में जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटीलेटर) पर रखा गया है। उनको पांच दिन पहले दून अस्पताल से एम्स लाया गया था। साध्वी पद्मावती के अस्पताल में भर्ती होने के बाद आत्मबोधानंद ने आमरण अनशन शुरू किया था।
गंगा रक्षा की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहीं मातृसदन की साध्वी पद्मावती की हालत बिगड़ने पर उन्हें उत्तराखंड के दून अस्पताल से एम्स दिल्ली लाया गया। उनको यहां सीटू वार्ड के गहन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) में बिस्तर संख्या आठ पर रखा गया है। उनका इलाज व निगरानी डॉ नीरज निश्चल की अगुआई में चिकित्सकों का एक दल कर रहा है। एम्स सूत्रों के मुताबिक उनके शरीर में प्रोटीन व दिमाग के कार्यप्रणाली के लिए जरूरी अन्य अहम पोषक तत्वों की मात्रा काफी कम हो गई है। जिसकी वजह से उनको जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक जब उन्हें दून अस्पताल से यहां लाया गया था तभी से वह वेंटीलेटर पर हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि वह कोमा में नहीं हैं। यहां उनकी तमाम अन्य जांचों के अलावा उनके मस्तिष्क का एमआरआइ और सीटी स्कैन किया गया है। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक साध्वी को लंबे व गहन इलाज की जरूरत है।
मातृसदन के स्वामी दयानंद क ा कहना है कि 15 दिसंबर से आमरण अनशन कर रही साध्वी पद्मावती को 30 जनवरी को जबरन प्रशासन की ओर से देहरादून के दून अस्पताल ले जाया गया। जब दून अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने साध्वी के गर्भवती होने की अनर्गल व झूठी रिपोर्ट दी थी तब से ही साध्वी को गहरा झटका लगा है कि प्रशासन कितने नीचे गिर कर आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रहा है। इसी सदमे से उनकी तबीयत बिगड़ी है। हालांकि साध्वी के अडिग रहने पर सीएमओ ने गलती मानी और कहा कि उसने गलती से यह रिपोर्ट दे दी थी।
जब पद्मावती को दून अस्पताल ले जाया गया तभी से गंगा रक्षा आंदोलन को अनवरत रखने के लिए स्वामी आत्मबोधानंद ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था। उन्होंने बताया कि जब चार दिन पहले मातृसदन से पुलिस सुरक्षा हटाई गई तभी से विरोध में आत्मबोधानंद ने पानी लेना भी छोड़ दिया इसके बाद शनिवार को उन्हे जबरन उठा कर एम्स दिल्ली लाया गया। हालांकि बताया जा रहा है उनको एम्स में इमरजंसी वार्ड के 29 नंबर बिस्तर पर सुबह 11 बजे भर्ती किया गया। दयानंद का कहना है कि मातृसदन की मांग है कि इस तरह से आंदोलन को कुचलने वालों व साध्वी पर अनर्गल आक्षेप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए व गंगा को लेकर हमारी मागें पूरी हों तभी आंदोलन थमेगा।

