उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अस्पताल के बाहर माफिया डॉन अतीक अहमद को नौ और उसके भाई अशरफ को पांच गोलियां मारी गई थीं। ये गोलियां दोनों के ऐसे हिस्सों में लगी थीं, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और तुंरत उनकी मौत हो गई। सूत्रों ने अतीक और अशरफ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी है।

अतीक और अशरफ को रुटीन मेडिकल चेकअप के लिए प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया। इसी दौरान, मीडियाकर्मी बनकर आए तीन लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि अतीक को 9 गोली मारी गईं, जिनमें से तीन राउंड फायरिंग उसके सिर पर की गई और 6 राउंड फायरिंग अतीक की गर्दन, पेट और कमर में लगी थीं। वहीं, अशरफ पर 5 राउंड फायरिंग की गई थी। एक गोली उसके चेहरे पर लगी और बाकी गोलियां दूसरे हिस्सों में लगी थीं।

कुछ देर तड़पा था अतीक

दोनों भाईयों के ऐसे हिस्सों में गोलियां लगीं कि उनकी तुरंत ही मौत हो गई थी। हालांकि, अतीक अहमद गोली लगने के बाद कुछ देर तक तड़पता रहा, लेकिन अशरफ की गोली लगते ही मौत हो गई थी। जब तक डॉक्टर चेकअप के लिए वहां पहुंचे, अतीक ने भी दम तोड़ दिया था। फोरेंसिक टीम के रिपोर्ट के मुताबिक, घटनास्थल से कुल 20 खाली कार्टिज मिले हैं।

अतीक की हत्या की जांच के लिए यूपी पुलिस ने बनाई एसआईटी

उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अरविंद कुमार त्रिपाठी करेंगे। उनके अलावा, रिटायर्ड जज ब्रिजेश कुमार सोनी और उत्तर प्रदेश के पूर्व डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस सुबेश कुमार सिंह भी आयोग का हिस्सा हैं। आयोग को दो महीने में सरकार के सामने जांच रिपोर्ट पेश करनी होगी।

अतीक और अशरफ को रविवार को प्रयागराज में उनके पैतृक गांव में दफनाया गया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किए गए थे। इससे पहले शनिवार को अतीक के बेटे असद अहमद को भी यहां दफनाया गया था। गुरुवार को असद की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। असद तकरीबन दो महीने से उमेश पाल हत्याकांड में फरार था। गुरुवार को झांसी में असद और उसके सहयोगी शूटर गुलाम की एनकाउंटर में मौत हो गई थी।