Atiq Ahmed Murder Case: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के आरोपियों से एक बार फिर पूछताछ की तैयारी की जा रही है। SIT के सामने कई ऐसे सवाल हैं जिनका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। एक फिर फिर एसआईटी प्रतापगढ़ जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ करेगी। तीनों शूटर्स से पूछताछ के लिए पुलिस की ओर से कोर्ट में अनुमति मांगी गई है। SIT ने अतीक अशरफ मर्डर केस को लेकर अब तक करीब 70 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इसके बाद केस में कई नए तथ्य सामने आए हैं।
प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं तीनों आरोपी
अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों आरोपियों को प्रतापगढ़ जेल में रखा गया है। दोहरे हत्याकांड मामले में पुलिस ने लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य को गिरफ्तार किया था। एसआईटी के सामने कई सवाल ऐसे हैं जो अभी तक अनसुलझे हैं। जांच में सामने आया था कि आरोपियों ने अपने फर्जी आधार कार्ड बनाए थे। यह क्यों बनाए गए और इनकी जरूरत क्यों पड़ी, इसका अभी एसआईटी को जवाब नहीं मिला है। वहीं एसआई को इस बात का भी जवाब नहीं मिला है कि आरोपी सनी सिंह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था तो वह कैसे दूसरे शूटर्स के संपर्क में था।
एसआईटी को इस बात का भी जवाब नहीं मिला है कि सनी के पास जो जिगाना पिस्टल थी उसे जितेंद्र गोगी गैंग के किस गुर्गे ने दिया था। इसके अलावा गिरसान पिल्टल को लेकर भी जानकारी सामने नहीं आई है। अतीक की हत्या के लिए तीनों आरोपी मीडियाकर्मी बनकर गए थे। उनके पास फेक आईडी और कैमरा भी था। इन्हें वह कहां से मिले थे और इसके लिए किसने मदद की थी, इसकी भा जानकारी नहीं मिली है।
15 अप्रैल को हुई थी हत्या
अतीक-अशरफ की 15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस दोनों को लेकर अस्पताल पहुंची थी। तीनों आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पहले इन्हें नैनी जेल में रखा गया लेकिन बाद में इन्हें प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया। पूरे मामले की जांच के लिए दो एसआईटी टीमें गठित की गई हैं। एसआईटी अब आरोपियों को लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट लगाने की भी तैयारी कर रही है।