सौरभ पाराशर

पंजाब में राष्ट्रीय स्तर की एक एथलीट को अपने बीमार पति के इलाज के लिए सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पा रही है। इतना ही नहीं जब एथलीट मदद के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंची तो उन्हें चंडीगढ़ पुलिस ने वहां से हटा दिया। ये सब हुआ है भारतीय एथलीट वीरपाल कौर के साथ, जिन्होंने इसी साल मलेशिया में आयोजित हुए एशिया पैसिफिक मास्टर्स गेम्स में 400 मीटर रेस में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। फिलहाल वीरपाल कौर अपने गांव में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं और आर्थिक परेशानियों से जूझ रही हैं। वीरपाल कौर के पति गुरनेब सिंह कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं और उन्हें तुरंत ही सर्जरी की जरुरत है। लेकिन पैसों की कमी से जूझ रही एथलीट और उनका परिवार सर्जरी कराने में सक्षम नहीं है। यही वजह है कि एथलीट ने सरकार से मदद की गुहार लगायी है।

पंजाब के संगरुर जिले के गांव सफीपुर की निवासी वीरपाल कौर इन दिनों पीजीआई चंडीगढ़ के पास स्थित एक गुरुद्वारे में ही रह रही हैं। दरअसल आर्थिक परेशानियों से घिरी वीरपाल कौर अपने घर से पीजीआई आने जाने का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं, जिसके चलते वह अस्पताल के नजदीक स्थित गुरुद्वारे में ही शरण लिए हुए हैं। बीते 5 दिनों के दौरान एथलीट ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने की 3 बार कोशिश की है, लेकिन उनकी सीएम से मुलाकात नहीं हो पा रही है। सोमवार को जब वीरपाल कौर सीएम आवास पर उनसे मिलने पहुंची तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी ने पुलिस बुला ली। जिसके बाद चंडीगढ़ पुलिस वीरपाल कौर को अपने साथ थाने लेकर गई और बाद में उन्हें पीजीआई के नजदीक स्थित गुरुद्वारे छोड़ दिया।

चंडीगढ़ न्यूजलाइन के साथ बातचीत वीरपाल कौर ने बताया कि वह चाहती हैं कि फील्ड पर की गई उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर सरकार उनके पति के इलाज में उनकी मदद करे। मैंने तीन बार सीएम साहब से मिलने की कोशिश की, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पायी। सोमवार को सीएम हाउस पर तैनात अधिकारी ने उन्हें फिर आने को कहा। वीरपाल कौर ने बताया कि वह सिर्फ 5000 रुपए महीना कमा पाती हैं, वहीं उनके पति, जो कि एक फैक्ट्री में काम करते हैं, उनकी तन्ख्वाह भी 4500 रुपए महीना है। बीमारी के कारण उनके पति को नौकरी छोड़नी पड़ी। उनके घर की हालत भी बेहद खराब है। पति के इलाज के लिए वह अपने दो बेटों को रिश्तेदारों के पास छोड़कर आयी हैं। बता दें कि जून, 2018 में एशिया पैसिफिक मास्टर्स गेम्स में भाग लेने के लिए भी संगरुर के सांसद भगवंत मान ने उनकी आर्थिक मदद की थी।