असम में विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के जारी होने के दौरान संवाददाता सम्मेलन का आयोजन करने के कारण मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ चुनाव आयोग के निर्देश पर जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत सोमवार (11 अप्रैल) को गुवाहाटी में प्राथमिकी दर्ज की गयी। उनके खिलाफ मामला इसलिए दर्ज किया गया क्योंकि उनके संवाददाता सम्मेलन करने से मतदाता प्रभावित हो सकते हैं। उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने यहां संवाददाताओं से कहा कि असम के चुनाव अधिकारियों ने गोगोई को बताया था कि मतदान खत्म होने के बाद 48 घंटे की अवधि में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन करना गलत है। लेकिन गोगोई ने तब भी संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया जहां उन्होंने कथित रूप से आरोप लगाया कि एक उम्मीदवार और पूर्व मंत्री को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया।

उप चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग ने जब तथ्यों की जांच की तब पता चला कि चुनाव अधिकारी वहां इस बात की जांच करने गए थे कि क्या उम्मीदवार के घर पर कोई ‘‘सभा’’ हुई थी और उम्मीदवार को नजरबंद नहीं किया गया। गोगोई ने कथित रूप से चुनाव आयोग पर पक्षपाती होने का भी आरोप लगाया था। तथ्यों की जांच के बाद चुनाव आयोग ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को मुख्यमंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। सक्सेना ने कहा, ‘‘प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी।’’

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 के तहत जुर्माना या दो साल की जेल की सजा या दोनों हो सकते हैं। कानून में जुर्माने की राशि तय नहीं की गयी है। अधिनियम की धारा 126 के तहत मतदान खत्म होने के 48 घंटों के भीतर सार्वजनिक सभा के आयोजन पर रोक है।