असम के डिब्रूगढ़ में एक 128 साल पुरानी मस्जिद को तोड़ा गया है। अधिकारियों ने जलभराव की समस्या को हल करने के लिए जल निकासी व्यवस्था बनाने के लिए 128 साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। डिब्रूगढ़ नगर निगम बोर्ड के कमिश्नर जय विकास ने बताया कि चौलखोवा जामा मस्जिद को सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद और स्थानीय लोगों के सहयोग से ध्वस्त किया गया।

क्यों ढहाई गई 128 साल पुरानी मस्जिद?

जय विकास ने कहा कि यह कदम शहर में आर्टिफिशियल बाढ़ की लगातार समस्या को हल करने के लिए बोकुल से सेसा ब्रिज तक एक प्रमुख जल निकासी प्रणाली के निर्माण और अपग्रेड की सुविधा के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा, “सोमवार को ध्वस्तीकरण में भूमि अधिग्रहण सहित उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और अधिग्रहित भूमि के लिए मुआवजे की प्रक्रिया चल रही है।”

जय विकास ने पूरी प्रक्रिया में सहयोग के लिए स्थानीय जनता का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “विध्वंस के बाद एक वर्ग सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैला रहा है कि मस्जिद को जिला प्रशासन द्वारा जबरन गिराया गया था। हालांकि, ऐसा नहीं है। समुदाय ने हमारा पूरा समर्थन किया।”

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मुस्लिमों ने खुद दिया साथ

चौलखोवा जमात समिति के अध्यक्ष लियाकत अली ने कहा कि मस्जिद को खाली नहीं किया गया, बल्कि कानूनी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के बाद आपसी सहमति के आधार पर ध्वस्त किया गया। उन्होंने कहा, “यह निर्णय शहर के व्यापक हित में लिया गया क्योंकि नई जल निकासी प्रणाली डिब्रूगढ़ की बाढ़ शमन योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है।”

बोकुल से सेसा नदी तक दूसरे जल निकासी चैनल के निर्माण से जलभराव में कमी आने और बाढ़-ग्रस्त शहर में शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार होने की उम्मीद है, जो डिब्रूगढ़ जिले का मुख्यालय है।