राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष अशोक परनामी एक बार फिर पार्टी की कमान संभालेंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए अकेले परनामी का ही नामांकन पत्र दाखिल होने से उनका निर्वाचित होना तय है। उनके निर्वाचन की घोषणा मंगलवार को होगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और आरएसएस ने भी परनामी के नाम पर सहमति जता देने के बाद से ही परनामी की फिर ताजपोशी की संभावना बढ गई थी।
राज्य भाजपा के संगठन चुनावों के अंतिम दौर में सोमवार शाम को यहां अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरे गए। केंद्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा को यहां पर्यवेक्षक बना कर भेजा है। शर्मा की मौजूदगी में प्रदेश चुनाव अधिकारी श्याम सुंदर शर्मा के सामने अकेले परनामी का ही परचा दाखिल हुआ। उनके नामांकन पत्र पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रस्तावक बनी है। इसके अलावा परनामी के समर्थन ही सभी परचे दाखिल हुए। परनामी के नामांकन के मौके पर प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर सोमवार को खासी चहल पहल थी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत तमाम मंत्री और पार्टी के कई बडेÞ नेता भी इस दौरान मौजूद रहे। प्रदेश भाजपा के चुनाव अधिकारी ने बताया कि पर्यवेक्षक के निर्देश पर ही प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के चुनाव कराये जा रहे हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष परनामी जयपुर शहर की आदर्श नगर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनने से खाली हुए पद पर परनामी को केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी की कमान सौंपी थी। भाजपा में पिछले दिनों जिला और मंडलों के चुनाव हुए थे। इन चुनावों में आम राय से ही सभी का निर्वाचन हुआ था। इसके बाद से ही तय माना जा रहा था कि परनामी को ही पार्टी एक बार फिर प्रदेश की कमान सौंपेगी।
प्रदेश भाजपा में वसुंधरा विरोधी खेमा परनामी के खिलाफ ज्यादा मुखर नहीं हो पाया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि परनामी अध्यक्ष नहीं बनते तो फिर उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलता। अध्यक्ष के लिए पार्टी कई अन्य नेताओं के नामों पर भी विचार कर रही थी। इनमें सांसद ओम बिरला और नारायण पचारिया की दावेदारी उभरी थी। इसके अलावा वरिष्ठ मंत्री कालीचरण सर्राफ भी दौड़ में शामिल थे।