राजस्थान में बढ़ते अपराधों पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भाजपा सरकार को जमकर घेरा है। दोनों नेताओं का कहना है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। इसके चलते आम आदमी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है। पुलिस हिरासत में मौत के बाद भी दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
गहलोत ने कहा कि सरकार ने अकर्मण्यता और संवेदनहीनता का रवैया अपनाया हुआ है। उन्होंने जोधपुर के भोपालगढ़ रामपुरा गांव में मृतक किसान ओमप्रकाश के परिजनों से मिल कर उनकी स्तब्ध कर देने वाली दास्तान सुनी। उनका कहना है कि न्याय मांगने वाले लोगों के साथ सरकार कुछ नहीं कर रही है। सरकार का रवैया लीपापोती वाला ही है। इस किसान की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। गहलोत का कहना है कि सरकार ने लीपापोती के मकसद से कुछ पुलिस वालों को निलंबित कर मामला सीआइडी को सौंप दिया है। जबकि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
गहलोत का कहना है कि सरकार हर जगह लीपापोती करने में लगी है। चाहे अतिवृष्टि हो, आत्महत्याएं हो, बच्चियों से दुष्कर्म हो, पुलिस हिरासत में मौत हो या सरेआम हत्याएं, हर जगह प्रशासन में और पुलिस में भयमुक्त माहौल बन गया है। मुख्यमंत्री और सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। अन्याय, उत्पीड़न और अत्याचार बढ़ गए हैं। ऐसी स्थिति में पीड़ित कहां जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकारियों के साथ बदले की भावना से काम कर रही है जिससे अफसरों में डर बैठ गया है कि सरकार बदलेगी तो उनका क्या होगा। ऐसे में अफसर फाइलें आगे बढ़ाने में कोई रुचि नहीं ले रहे है। इससे आम जनता पर दोहरी मार पड़ रही है। विकास के काम ठप हो गये है। गहलोत ने बिजली की हाईटेंशन लाइनों से लगातार हो रही दुर्घटनाओं में लोगों की मौत पर चिंता जताई। उनका कहना है कि इस मामले में भी सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने बारां जिले के शाहबाद में पार्टी महामंत्री सोनू गोयल की बर्बर हत्या पर सरकार की खिंचाई की है। उनका कहना है कि सोनू गोयल की हत्या राजनीतिक साजिश का नतीजा है। इसमें दोषियों को भाजपा के बडेÞ नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। पायलट ने इस मामले में अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं होने पर भाजपा सरकार के निकम्मेपन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन और पुलिस कार्रवाई नहीं कर रहे है। प्रदेश कांग्रेस ने इस मामले की जांच के लिए वरिष्ठ नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत की अगुआई में एक टीम बना कर बारां जिले में भेजने का फैसला किया है। टीम मंगलवार को मौके पर जाकर कांग्रेसियों और मृतक के परिजनों से जानकारी जुटा कर प्रदेश कांग्रेस को सौंपेंगी।