आम आदमी पार्टी(आप) ने हाल ही में एलान किया कि वह अगले साल गुजरात विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। आप उम्मीद कर रही है पाटीदार आरक्षण आंदोलन से उसे फायदा होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों पाटीदार आरक्षण के प्रमुख नेता हार्दिक पटेल का समर्थन किया था और कहा था कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। हार्दिक पर देशद्रोह का मामला चलाना गलत है। आप 2017 के विधानसभा चुनावों में सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
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आप ने 2012 विधानसभा और फिर 2014 आम चुनावों में भी गुजरात में उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन उसका एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया था। आम चुनावों में आप को दो प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे। आप के आने से कांग्रेस की भी मुश्किलें बढ़ना तय है। वह पहले ही यहां लगभग 15 साल से सत्ता से बाहर है। साथ ही यहां से उसका एक भी लोकसभा सांसद नहीं है। आप की रणनीति भाजपा के दबदबे वाले चुनाव क्षेत्र को चुनना है जहां वह किसानों और युवाओं को साथ ले सके। साथ ही वह चाहेगी वहां पर पाटीदार उसके साथ आए।
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दिल्ली में सरकार का एक साल पूरा होने के बाद आप ने गुजरात में पूरे पेज के विज्ञापन दिए थे। साथ ही अपने नेताओं को भी गुजरात भेजा था। इनके जरिए आप ने बिजली के बढ़े दामों का मुद्दा उठाया और कहा कि वह दिल्ली में सस्ती बिजली मुहैया करा रही है। आप के गुजरात इंचार्ज गुलाब सिंह यादव का कहना है कि राज्य में उनकी पार्टी के एक लाख सदस्य हो गए हैं। इनमें से एक चौथाई से भी ज्यादा सस्ती बिजली का समर्थन कर रहे हैं। आप जमीन अधिग्रहण और औद्योगिकीकरण के चलते पर्यावरण को हो रहे नुकसान का मुद्दा भी उठा रही है।
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