अरुणाचल प्रदेश में हवाई पट्टी ठीक न होने से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को दिक्कत हुई। ऐसे में गांव वाले श्रमदान को आगे आ गए। उन्होंने फावड़ा उठाया और उसे दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया। यह मामला वहां के विजय नगर इलाके का है, जहां लगभग 11 गांवों के लोगों ने मिलकर आईएएफ की मदद को हाथ आगे बढ़ाए।

जानकारी के मुताबिक, अरुणाचल के सुदूर क्षेत्र में विजय नगर एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) है। यह किसी वाहन योग्य सड़क से नहीं जुड़ा है। न ही इसे साल 2016 के बाद से किसी ऑपरेशन के लिए दुरुस्त किया गया था।

आईएएफ ने इसी एएलजी को दुरुस्त करने का बीड़ा उठाया और पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुछ विमानों की लैंडिंग कराई। प्रोजेक्ट को अंजाम देने के लिए सभी सामान और जन बल को विजय नगर ले जाया जाना था।

वायु सेना के एक प्रवक्ता ने इस बारे में बताया- मरम्मत कार्य में रनवे पर जमीन की सफाई भी जरूरी थी। लंबे समय से उसका इस्तेमाल न होने के कारण वहां घास और काई लग गई थी। हवाई पट्टी दुरुस्त करने के लिए भारी संख्या में लोग चाहिए थे, पर 11 गांवों के लोग श्रमदान के जरिए वायु सेना की मदद को आ गए, जिसके बारे में किसी ने सोचा नहीं था।

वायु सेना के अधिकारियों का कहना था, “ग्रामीणों का यह फैसला बेहद सराहनीय है। यह दर्शाता है कि वायुसेना और आम लोगों के बीच के संबंध किस प्रकार के हैं।”

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सीएम पेमा खांडू का ट्वीट।

पीआरओ डिफेंस मेघालय ने इस पर सोशल मीडिया पर वायुसेना की मदद करने वाले गांव वालों की जमकर तारीफ की, जिसके बाद मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा था, “मैं बीते साल विजय नगर गया था। मैंने एएलजी के मरम्मत कार्य और रखरखाव को लेकर सरकार और रक्षा मंत्री के काम की सराहना की। मैं वहां तीव्र गति से हुए काम को लेकर हैरान था। निर्लमा सीतारमण को इसके लिए मैं शुक्रिया कहना चाहूंगा।”