Court Martial: अप्रैल 2023 में बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में 80 मीडियम रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी के चार जवानों की हत्या करने वाले सेना के एक जवान को शनिवार को जनरल कोर्ट मार्शल ने उम्रकैद और सेवा से बर्खास्त करने की सजा सुनाई।

जीसीएम इस साल जनवरी से बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में आयोजित की गई थी। अपनी रेजिमेंट के चार जवानों की हत्या के अलावा आरोपी जवान को सेना की एक चौकी से हथियार और गोला-बारूद चोरी करने का भी दोषी ठहराया गया है। जवान पर आईपीसी की धारा के 302 के उलट सेना अधिनियम 69 के तहत चार आरोप और हथियार और गोला-बारूद चोरी करने के लिए सेना अधिनियम धारा 52 ए के तहत दो आरोप लगाए गए थे।

छह मामलों में दोषी ठहराया

कर्नल एस दुसेजा की अध्यक्षता वाली जीसीएम ने उसे हत्या के चार मामलों और सरकारी संपत्ति की चोरी के दो मामलों में दोषी पाते हुए उम्रकैद और सेवा से बर्खास्त करने की सजा सुनाई। बठिंडा पुलिस ने पिछले साल 13 अप्रैल को बठिंडा मिलिट्री स्टेशन पर चार साथी सैनिकों की हत्या के आरोप में जवान को गिरफ्तार किया था। जवान ने झूठा बयान दिया था कि उसने 12 अप्रैल की सुबह हत्या करने के बाद कुर्ता पजामा पहने दो नकाबपोश लोगों को पास के जंगल में भागते देखा था।

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सेना के जवान ने क्या दावा किया

उस समय पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि आरोपी ने कबूल किया है कि चार जवानों ने पिछले कुछ समय में उसका बार-बार यौन शोषण किया था। इसकी वजह उसने उनसे बदला लेने के लिए यह कदम उठाया। शुरुआती जांच के बाद आंध्र प्रदेश के रहने वाले जवान ने दावा किया कि चारों जवान उसके मोबाइल से उसकी मंगेतर से बात करते थे और उसकी अश्लील तस्वरीरें लेते थे और उसका मजाक उड़ाते थे।

सेना ने सेना अधिनियम की धारा 125 के तहत सिविल कोर्ट से मामले को अपने हाथ में ले लिया था, ताकि आरोपी के खिलाफ कोर्ट मार्शल के जरिये मुकदमा चलाया जा सके। कोर्ट मार्शल में जवान की तरफ से दो वकील राजेश शर्मा और नवजिंदर सिंह पेश हुए थे।

सेना के सूत्रों ने बताया कि मामले में आरोपी ने पुलिस और सैन्य अधिकारियों के कहने पर झूठा फंसाए जाने का दावा किया और पुलिस या सेना के अधिकारियों के सामने कोई इकबालिया बयान देने से इनकार किया। लेकिन जीसीएम ने उसके दावे को निराधार और बाद में दिया गया बयान बताकर खारिज कर दिया है। बयानों और रिकार्ड पर मौजूद सबूत के आधार पर उसे सभी छह आरोपों में दोषी ठहराया।