लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 18 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी ने मंगलवार (4 जून) को कोलकाता से 33 किलोमीटर दूर स्थित भाटपारा नगर पालिका पर कब्जा जमाया। बता दें कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने इससे पहले किसी भी नगर पालिका पर शासन नहीं किया है। भाटपारा नगर पालिका बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जहां बीजेपी के अर्जुन सिंह ने टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी को हराया था।

टीएमसी से 4 बार विधायक रहे थे अर्जुन सिंह: बता दें कि अर्जुन सिंह भाटपारा विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से 4 बार विधायक रह चुके हैं। वह लोकसभा चुनाव से कुछ ही हफ्ते पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे। वहीं, उनके भतीजे सौरभ सिंह भाटपारा नगर पालिका के चेयरमैन चुने गए, जहां 35 पार्षद वाले निकाय में बीजेपी ने 26 वोट हासिल करके विश्वास प्रस्ताव जीत लिया। बता दें कि 2010 में अर्जुन सिंह भी इस नगर पालिका के चेयरमैन रह चुके हैं।

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चेयरमैन बोले- करेंगे जनता की सेवा: भाटपारा नगर पालिका का चेयरमैन बनने के बाद सौरभ सिंह ने कहा कि अर्जुन सिंह हमारे नेता हैं। हम उनकी सलाह के अनुसार काम करेंगे। साथ ही, भाटपारा के लोगों के लिए गंभीरता से काम करेंगे। वहीं, टीएमसी ने बीजेपी ने पैसे और ताकत का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

पैसे और ताकत के आगे झुके पार्षद: नॉर्थ 24 परगना के टीएमसी अध्यक्ष और राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रियो मौलिक ने कहा, ‘‘बीजेपी ने बंदूक की नोक पर पार्षदों को शामिल किया है। पार्षदों को जबरन बीजेपी में शामिल किया गया है। इनमें से कुछ को बहुत सारा पैसा दिया गया है। कोई भी पार्षद बतौर बीजेपी प्रतिनिधि नहीं चुना गया था। दुर्भाग्यवश, उनमें से कुछ ने पैसे और ताकत के आगे घुटने टेक दिए।’’ निवर्तमान बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ तालुकदार बोले, ‘‘मैं इस बारे में क्या कह सकता हूं। हमारे पास पर्याप्त पार्षद नहीं थे, इसलिए हम हार गए।’’