UP Politics: लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) ने राज्य में अपनी-अपनी पार्टियों की सभी इकाइयां भंग कर दीं। दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों द्वारा लिए गए इस निर्णय को हाल ही में संपन्न चुनावों में उनके खराब प्रदर्शन के मद्देनजर देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव में यूपी में अपना दल (सोनेलाल) ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा और एक पर हार का सामना करना पड़ा, जबकि एसबीएसपी ने अपनी एकमात्र सीट घोसी खो दी। अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर सीट से लोकसभा चुनाव जीता। अपना दल (सोनेलाल) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) का उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में खासा प्रभाव माना जाता है।

शनिवार को एसबीएसपी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने पत्र जारी कर बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर के निर्देशानुसार पार्टी की सभी प्रमुख इकाइयां यूपी कार्यकारिणी समेत पूर्वांचल, मध्यांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमांचल की क्षेत्रीय, जिला, मंडल, विधानसभा और ब्लॉक स्तर की इकाइयां और सभी मोर्चे और प्रकोष्ठ भंग कर दिए गए हैं।

लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ सीट बंटवारे में एसबीएसपी को सिर्फ एक सीट घोसी दी गई थी। ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने चुनाव लड़ा और समाजवादी पार्टी के राजीव राय से 162,943 वोटों से हार गए। अरविंद राजभर को 340,188 वोट मिले।

योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर करीब चार साल बाद फरवरी में एनडीए में वापस आ गए थे। एसबीएसपी ने 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ लड़ा और छह सीटें जीतीं।

एसबीएसपी के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर ने कहा कि शनिवार का निर्णय संगठन में आमूलचूल परिवर्तन के उद्देश्य से लिया गया है, जिसमें जिला स्तर पर नए सदस्यों को अवसर देना और पार्टी में पुराने सदस्यों को बढ़ावा देना शामिल होगा।

इस बीच, अपना दल (एस) के राष्ट्रीय सचिव मुन्नर प्रजापति ने हाल ही में एक पत्र के माध्यम से जानकारी दी कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सभी राज्य, क्षेत्रीय, जिला और विधानसभा स्तर की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। प्रजापति ने स्पष्ट किया, “उत्तर प्रदेश की सभी पार्टी इकाइयों को भंग किया गया है, राष्ट्रीय स्तर पर नहीं।” उन्होंने कहा कि इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें हालिया चुनाव भी शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव में अपना दल (एस) ने मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज सीटों पर चुनाव लड़ा था, जो एनडीए के साथ सीट बंटवारे के तहत उन्हें मिली थीं। रॉबर्ट्सगंज में अपना दल (एस) के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली रिंकी सिंह 336,614 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। समाजवादी पार्टी के छोटेलाल ने रॉबर्ट्सगंज से 129,234 वोटों से चुनाव जीता।

मिर्जापुर सीट पर अनुप्रिया पटेल ने 37,810 वोटों से जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के रमेश चंद बिंद को 433,821 वोट मिले थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल ने 591,564 वोट हासिल कर मिर्जापुर सीट जीती थी और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के राम चरित्र निषाद को 232,008 वोटों से हराया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल (एस) ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा और 12 सीटें जीतीं।