उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान जारी है। इस दौरान मंगलवार को एक प्राचीन मंदिर मिला था। मंदिर के बाद अब जामा मस्जिद के मोहल्ला टंकी में प्राचीन कुआं भी मिला है। इससे पहले तीन प्राचीन कुएं खोजे गए थे। नगर पालिका की ओर से इस इलाके में खुदाई करा अन्य कुए भी तलाशे जा रहे हैं। बिजली विभाग की टीम ने हयातनगर और सरायतरीन क्षेत्र में बुधवार सुबह भी छापेमारी की। टीम को देखते ही इलाके में हड़कंप मच गया। सूत्रों के मुताबिक कई घरों में अवैध रूप से बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा था। अब इन लोगों को खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।

कुएं में अब तक क्या-क्या मिला?

संभल में खुदाई के दौरान गणेश जी मूर्ति, स्वास्तिक अंकित ईंटें, गौरा पार्वती जी की मूर्ति मिली है। गणेश-लक्ष्मी जी की एक मूर्ति के अलावा गौरा पार्वती जी की खंडित मूर्ति और स्वस्तिक के चिह्न वाली ईंट निकली है। पिछले दिनों विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 1978 के संभल दंगे का काला अध्याय उजागर किया। उन्होंने संभल के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की पीड़ा का उल्लेख करते हुए बताया कि यह दंगे हिंदू समाज के लिए एक बहुत ही दर्दनाक और भयावह अनुभव थे।

बता दें कि इससे पहले संभल में एक प्राचीन मंदिर भी मिला था। 46 साल से बंद एक शिव मंदिर में साफ सफाई के बाद पूजा-अर्चना शुरू हो गई है। इसके बाद प्रशासन को हयातनगर थाना इलाके के सरायतरीन में मिला है। हालांकि इस मंदिर में कोई अतिक्रमण नहीं किया गया। जब मंदिर को खोला गया को अंदर हनुमान जी और राधा कृष्ण की मूर्तियां थी। इससे पहले खग्गू सराय इलाके में एक शिव और हनुमान मंदिर मिला था। बता दें कि संभल में 1978 में हिंसा के बाद से यह मंदिर बंद था।

इस मंदिर को करीब 400 साल पुराना बताया जा रहा है। अब 46 साल पुराने इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराने की तैयारी चल रही है। संभल के जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पत्र लिखा है। सोमवार को एक कुएं की खुदाई के दौरान तीन खंडित मूर्तियां भी बरामद हुई थीं। इस जांच के जरिए प्रशासन पता करना चाहता है कि मंदिर और इसकी मूर्ति आखिर कितनी पुरानी है।

इलाके से हटाया जा रहा अवैध निर्माण

प्रशासन के आदेश के बाद स्थानीय लोग खुद ही अवैध निर्माण को गिराने लगे हैं। मंदिर के आसपास अवैध निर्माण किया गया है। देर रात प्रशासन की टीम ने नाप करने के बाद अवैध निर्माण को लेकर निशान लगाए थे। कुछ लोगों को पास नक्शा भी मौजूद नहीं था। इसके बाद लोगों को अवैध निर्माण की जानकारी दी गई। सुबह होते ही लोग खुद ही अतिक्रमण हटाने लगे। संभल में बिजली चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान 1978 से बंद पड़े इस मंदिर को ढूंढा था। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई कराई गई और यहां मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना शुरू की गई। जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया के मुताबिक यह कार्तिक महादेव का मंदिर है। मंदिर के पास एक कुआं मिला है, जो अमृत कूप है। मंदिर मिलने के बाद यहां 24 घंटे सुरक्षा के लिए टीम तैनात की गई है। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। यहां जो अतिक्रमण है, उसे हटाया जा रहा है। आगे पढ़ें संभल हिंसा में दर्ज एफआईआर के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सांसद जियाउर्रहमान बर्क