आंध्र प्रदेश में उपद्रवियों ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया है। अज्ञात उपद्रवियों ने अंबेडकर की प्रतिमा के नाक और कान को तोड़ दिया। न्यूज एजेंसी ‘ANI’ के अनुसार, मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने की यह घटना आंध्र प्रदेश के पेडागंतयाडा इलाके की है। पेडागंतयाडा विशाखापट्टनम के पड़ोस में स्थित है। यह विशाखापट्टनम जिले के 46 मंडलों में एक है। विशाखापट्टनम जिले में महापुरुषों की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले अक्टूबर महीने में इसी जिले के मधुरवाड़ा इलाके में अज्ञात उपद्रवियों ने 150वीं जयंती से ठीक एक दिन पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ दिया था। उस वक्त पुलिस ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की थी और इस मामले में केस भी दर्ज किया था। दिलचस्प है कि जहां गांधीजी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया वहां पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी प्रतिमा थी। लेकिन, अराजक तत्वों ने सिर्फ गांधीजी की प्रतिमा को ही निशाना बनाया था। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में विभिन्न राज्यों में कई महान विभूतियों की प्रतिम को क्षतिग्रस्त करने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
A bust of BR Ambedkar was allegedly vandalised by unidentified miscreants in Pedagantyada, #AndhraPradesh today. pic.twitter.com/ppKAbu54ot
— ANI (@ANI) December 5, 2018
त्रिपुरा में तोड़ी गई थी लेनिन की प्रतिमा: त्रिपुरा में बीजेपी के सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद ही महान साम्यवादी नेता लेनिन की प्रतिमा को तोड़ डाला गया था। इस पर काफी राजनीतिक विवाद भी हुआ था। विपक्षी दलों ने बीजेपी पर इस बाबत आरोप भी लगाए थे। महात्मा गांधी की प्रतिमा को आंध्र प्रदेश के अलावा राजस्थान और केरल में भी तोड़ा गया था। उपद्रवियों ने राजस्थान के राजसमंद के नाथद्वार में गांधीजी की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की थी। वहीं, मार्च महीने में अराजक तत्वों ने केरल के कन्नूर के थालिपरंबा में महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ डाली थी। इसके अलावा मध्य प्रदेश के जबलपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की गई थी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति को भी तोड़ डाला गया था। त्रिपुरा में बीजेपी के सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद ही महान साम्यवादी नेता लेनिन की प्रतिमा को तोड़ डाला गया था। इस पर काफी राजनीतिक विवाद भी हुआ था। विपक्षी दलों ने बीजेपी पर इस बाबत आरोप भी लगाए थे। महात्मा गांधी की प्रतिमा को आंध्र प्रदेश के अलावा राजस्थान और केरल में भी तोड़ा गया था। उपद्रवियों ने राजस्थान के राजसमंद के नाथद्वार में गांधीजी की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की थी। वहीं, मार्च महीने में अराजक तत्वों ने केरल के कन्नूर के थालिपरंबा में महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ डाली थी। इसके अलावा मध्य प्रदेश के जबलपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की गई थी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति को भी तोड़ डाला गया था। त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों में मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हालांकि, पिछले कुछ सप्ताह से इस तरह की घटना सामने नहीं आई थी।