आंध प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारने के बाद से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राज्य सरकार ने नायडू समेत 20 लोगों को नोटिस जारी किया है। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी सरकार ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि कृष्णा नदी के तट पर बने अवैध निर्माण को ढहाया जाएगा।
राज्य प्रशासन की तरफ से नायडू के बंगले पर भी यह नोटिस चिपका दिया गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार यह नोटिस आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की तरफ से जारी किया गया है। इसमें नायडू को घर खाली करने या 7 दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। मालूम हो कि नायडू का यह बंगला छह एकड़ में फैला है।
इसमें स्वीमिंग पूल, हेलीपैड के साथ ही पहली मंजिल पर बिना अनुमति के 10 अस्थायी शेड्स बनाए गए हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने चंद्र बाबू नायडू के ऑफिस को भी गिरा दिया था। टीडीपी की सरकार के दौरान साल 2017 में 8.9 करोड़ की लागत से ‘प्रजा वेदिका’ का निर्माण कराया गया था। नायडू ने मुख्यमंत्री को 4 जून को पत्र लिखकर इस बिल्डिंग को हॉल को अपने पास रखने की अनुमति मांगी थी।
उनका कहना था कि वह विपक्ष के नेता के रूप में यहीं से काम करना चाहते हैं। इससे पहले इस इमारत के ढहाने के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि इससे जनता के पैसे की बर्बादी होगी। इस पर अदालत का कहना था कि यदि यह इमारत गैरकानूनी है तो इसके बने रहने के पीछे कोई तर्क नहीं दिया जा सकता है। अदालत ने इस इमारत की लागत को पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तत्कालीन निगम प्रशासन मंत्री पी. नारायण से वसूलने पर विचार करने की बात कही थी।
इससे पहले जगन सरकार ने नायडू के परिवार की सुरक्षा में कटौती कर दी थी। नायडू के बेटे नारा लोकेश को Z प्लस सुरक्षा मिली हुई थी। नए फैसले के बाद उनके साथ सिर्फ चार गनमैन होंगे। इससे पहले सरकार ने नायडू की Z + सुरक्षा में कमी कर दी थी।