आंध्र प्रदेश के इलेक्शन कमिश्नर एन रमेश कुमार ने अपनी जान का खतरा बताते हुए केंद्र से मदद की गुहार लगाई है। केंद्रीय गृह सचिव को लिखे गए पांच पन्नों के पत्र में उन्होंने बताया था कि राज्य में अभूतपूर्व हिंसा फैली है और पक्षपाती और अयोग्य नौकरशाहों-पुलिसकर्मियों को हटाने के लिए उन्हें धमकियां मिल रही हैं। बता दें कि कुमार को 2016 में आंध्र प्रदेश का चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान बताया कि गृह सचिव को पत्र मिला है। उन्होंने कहा कि यह असली है और इसमें कमिश्नर के साइन भी हैं। गृह सचिव ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे अफसर को जूरी सुरक्षा मुहैया कराएं। चुनाव आयुक्त फिलहाल जान पर खतरे के डर से एक सेफ हाउस में छुपे हैं।
मंत्री रेड्डी ने बताया कि मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि वे हैदराबाद में मौजूद अफसर रमेश कुमार को पूरी सुरक्षा दें। मंत्री के मुताबिक, यह एक आंतरिक मामला है। लेकिन इस बारे में राज्य सरकार को एक आधिकारिक पत्र भी लिखा जाएगा। इसमें अफसर को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा जाएगा।
रेड्डी ने कहा, “ड्यूटी पर तैनात एक अफसर को धमकाना गलत है। किसी भी अफसर को इस तरह नहीं डराना चाहिए। मैं इस मामले में सीधे डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) से बात करुंगा।”
चुनाव आयुक्त ने क्या मांग की थी?: चुनाव आयुक्च ने पांच पन्नों की चिट्ठी में लिखा था, “मैं बुरी तरह परेशान हूं और अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर डरा हूं। इस स्थिति में मेरा हैदराबाद में ही रहना सही है, जो कि बाकी जगहों के मुकाबले सुरक्षित है, लेकिन पूरी तरह नहीं, क्योंकि मेरे दुश्मनों की पहुंच काफी दूर तक है। इन परिस्थितियों में मेरे पास केंद्र सरकार से मदद मांगने के अलावा कोई चारा नहीं है।”