आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के विरोध में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार सुबह एकदिवसीय भूख हड़ताल शुरू कर दी। वे सोमवार सुबह 8 बजे से दिल्ली में आंध्र भवन के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधर्म का पालन नहीं किया है। नायडू का आरोप है कि केंद्र ने पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने वादा किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया।

बापू को पुष्प अर्पण कर शुरू किया उपवास : भूख हड़ताल शुरू करने से पहले नायडू राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। नायडू के साथ उनके तमाम नेता भी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

2018 में एनडीए से अलग हो गए थे नायडू : गौरतलब है कि टीडीपी (तेलुगुदेशम पार्टी) मार्च 2018 में एनडीए से अलग हो गई थी। उस दौरान एन चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार पर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि सरकार बनाते वक्त मोदी ने विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा भी किया था।

भूख हड़ताल के दौरान यह बोले नायडू : भूख हड़ताल पर बैठे नायडू ने कहा, ‘‘हम यहां केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने आए हैं। धरने से एक दिन पहले रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश के गुंटुर का दौरा किया। मैं पूछता हूं कि इसकी क्या जरूरत थी?’’ पीएम मोदी पर हमला करते हुए नायडू ने कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मामले में राजधर्म का पालन नहीं किया। अगर प्रधानमंत्री हम पर निजी हमले करते हैं तो हम भी उसका जवाब देने को तैयार हैं।

ये शामिल हैं भूख हड़ताल में : चंद्रबाबू नायडू की भूख हड़ताल में उनके मंत्री, पार्टी के विधायक, एमएलसी और सांसद भी शामिल हुए हैं। इनके अलावा राज्य कर्मचारी संघ, सामाजिक संगठनों और छात्र संगठनों के सदस्य भी इस धरने में शामिल हो सकते हैं। वहीं, विपक्षी दलों के प्रमुख नेता भी नायडू के समर्थन में आ सकते हैं।