ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू का मंगलवार को यहां आंध्र प्रदेश सरकार ने भव्य नागरिक सम्मान किया। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सिंधू और उनके कोच पुलेला गोपीचंद को सम्मानित किया। उन्होेंने राज्य की राजधानी अमरावती में प्रस्तावित स्पोर्ट्स सिटी में गोपीचंद को बैडमिंटन अकादमी खोलने के लिए 15 एकड़ जमीन देने की घोषणा की। तेलंगाना सरकार ने जहां ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू को ‘हमारी जमीन की बेटी’ बताकर उन पर दावा जताया वहीं चंद्रबाबू और उनकी सरकार ने कहा कि यह चैंपियन आंध्र प्रदेश की ही है। चंद्रबाबू ने बार-बार सिंधू को ‘माना अम्मई (हमारी बेटी)’ बोलते हुए कहा कि उसके पिता इलुरू से हैं और माता विजयवाड़ा से। दोनों वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं और सिंधू आज जो है उसे वह बनाने के लिए प्रोत्साहित करने और निखारने का श्रेय उन्हीं को जाता है।
सिंधू ने आंध्र प्रदेश सरकार को धन्यवाद देते हुए बचपन में शहर की अपनी यात्राओं को याद किया। उन्होेंने कहा कि मैं अपनी नानी के घर विजयवाड़ा आती थी और यहां इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन खेलती थी। कार्यक्रम की शुरुआत में चंद्रबाबू ने मंच पर सिंधू के साथ बैडमिंटन भी खेला। सिंधू को ‘हीरा’ करार देते हुए चंद्रबाबू ने उन्हें और निखारने का वादा किया जिससे कि वह भारत का गौरव बनें। उन्होेंने भविष्य में अमरावती में ओलंपिक की मेजबानी की इच्छा भी जताई।
चंद्रबाबू ने कहा कि ओलंपिक खेल भारत आने चाहिए और यह हमारे खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा। हम किसी से कम नहीं हैं। हमारे पास काफी प्रतिभा चीन और रूस से बेहतर है। आंध्र प्रदेश सरकार ओलंपिक की मेजबानी के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार करेगी। यह मुश्किल नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप (गोपीचंद) अमरावती में विश्व स्तरीय अकादमी बनाइए। हम दान देने वालों से कोष जुटाएंगे और अगर ऐसा नहीं हुआ तो सरकार जरूरी अनुदान देगी।
आंध्र विश्वविद्यालय ने भी गोपीचंद को डाक्ट्रेट की मानद उपाधि देने की घोषणा की। चंद्रबाबू ने रियो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे गुंटूर के किदांबी श्रीकांत को भी 25 लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की। श्रीकांत को राज्य सरकार को ग्रुप दो की नौकरी की पेशकश भी की गई।

