अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में रखे भारतीय वायसेना के एक एयरक्राफ्ट को ऑनलाइन वेबसाइट OLX पर बिक्री के लिए डालने का मामला सामने आया है। ओएलएक्स पर जेट की कीमत 9 करोड़ रुपए बतायी गई थी। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह फर्जी है और यह विश्वविद्यालय को बदनाम करने की साजिश है। एएमयू के चीफ प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली का कहना है कि “ओएलएक्स पर एयरक्राफ्ट की बिक्री के लिए डाली गई पोस्ट गलत है। यूनिवर्सिटी ने विमान की नीलामी या उसे बेचने का कोई इरादा नहीं है। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। यह विश्वविद्यालय को बदनाम करने की साजिश है।”

ओएलएक्स पर इस विमान की कीमत 999,99,999 रुपए तय की गई है। हालांकि जैसे ही यह खबर फैली और हंगामा बढ़ा तो ओएलएक्स से विमान को बेचने वाली पोस्ट डिलीट कर दी गई है। बता दें कि भारतीय वायुसेना ने साल 2009 में एएमयू प्रशासन को तोहफे में मिग-23 फाइटर जेट दिया था। यूनिवर्सिटी के जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के तत्कालीनी प्रिंसीपल प्रो.मुस्लिम ताज मुहम्मद ने इसे प्राप्त किया था।

इस विमान ने 6 मार्च 2009 को अपनी आखिरी उड़ान भरी थी और इसके बाद वायुसेना ने इसके कुछ पुर्जे निकालकर इसे एएमयू यूनिवर्सिटी को दे दिया था। सूत्रों के अनुसार इस विमान को ओएलएक्स पर डालने वाले का पता मेडिकल रोड आ रहा है। माना जा रहा है कि आरोपी यूनिवर्सिटी के बारे में बखूबी जानता है।

बता दें कि इंडिया टुडे ने सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों की साल 2020 की एक रैंकिंग जारी की है। इस रैंकिंग में एएमयू को तीसरा स्थान मिला है। एएमयू इन दिनों अपनी स्थापना का शताब्दी समारोह मना रहा है।