Amritsar Train Accident: दशहरा कार्यक्रम के मौके पर पंजाब के अमृतसर में हुआ भीषण रेल हादसा 61 जिंदगिया ले गया लेकिन सैकड़ों की संख्या मे जो लोग घायल हुए, उनमें दर्जनों शासन और प्रशासन के खिलाफ घटना स्थल पर जाकर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। हादसे की खबर लगते ही पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने घायलों के मुफ्त इलाज का ऐलान किया था। सीएम अमरिंदर ने घोषणा की थी कि सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में हादसे में जख्मी हुए लोगों का इलाज किया जाएगा। सरकार के द्वारा राहत के लिए की गई इस घोषणा से उलट कुछ लोगों को प्राइवेट अस्पतालों की मनमर्जी की सामना करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों ने दावा किया है कि रेल हादसे का पीड़ित होने पर प्राइवेट अस्पताल ने उनसे पैसे वसूले। रविवार (21 अक्टूबर) को दोपहर करीब 12 बजे तकरीबन 50 पीड़ितों ने हादसे वाली जगह का रुख किया और सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने प्राइवेट अस्पतालों पर उनसे इलाज का खर्च वसूलने का आरोप लगाया।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने पटरियों पर लेटकर प्रदर्शन किया। सूचना लगने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया। डिप्टी कमिश्नर कमलजीत सिंग सांघा ने मीडिया से कहा, ”हम घायल लोगों के द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जिससे पैसे लिए गए हैं उसके पैसे वापस कराए जाएंगे। सिविल अस्पताल के सीनियर मेडीकल ऑफिसर ने बताया, ”रेल हादसे में घायल हुए लोगों का इलाज करने के लिए हमारे पास 40 डॉक्टर हैं। सिविल अस्पताल, जालंधर, तरन तारन और गुरदासपुर से भी डॉक्टर इलाज करने पहुंचे हैं। हमारे पास पर्याप्त दवाएं और आवश्यक ब्लड उपलब्ध है।”

हादसे के लिए आरोपी माने जा रहे दशहरा कार्यक्रम के आयोजक सौरभ मदान मिठू का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भावुक होकर अपनी सफाई में कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के सभी जरूरी परीशंस ले ली थीं और लोगों को कम से कम 10 दफा आगाह किया था कि वे पटरी के पास खड़े न हों। मिठू का कहना है वह इस हादसे से बहुत दुखी है और कुछ लोग रंजिशन उन्हें इस हादसे में बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।