Amritsar Train Accident: अमृतसर ट्रेन हादसे को लेकर स्थानीय दशहरा कमेटी और प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही की बात भी सामने आ रही है। इस पर पुलिस साफ किया है कि दशहरा कार्यक्रम से पहले इजाजत मांगी गई थी और पुलिस को इसमें कोई आपत्ति नहीं थी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक दशहरा कमेटी ने अमृतसर में गोल्डन अवेन्यु स्थित धोबी घाट पर दशहरे के जश्न में सुरक्षा बंदोबस्त के लिए पुलिस को पत्र लिखा था। असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर दलजीत सिंह ने जवाब में कहा था कि पुलिस को इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं है। बता दें कि शुक्रवार (19 अक्टूबर) को जौड़ा फाटक इलाके में हादसा उस वक्त हुआ जब सैकड़ों की संख्या में लोग रावण दहन का कार्यक्रम देख रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारी संख्या में लोग ट्रैक और उसके आसपास भी जमा होकर कार्यक्रम देख रहे थे। कहा जा रहा है कि आतिशबाजी के शोर में लोगों को ट्रेन के आने की आवाज नहीं सुनाई दी और गाड़ी उन्हें रौंदते चली गई। आधिकारिक तौर पर इस हादसे में मरने वालों की संख्या 60 से ज्यादा बताई जा रही है और 51 लोग घायल बताए जा रहे हैं।

हादसे को लेकर स्थानीय प्रशासन के अलावा कांग्रेस पर भी लोगों का गुस्सा फूट रहा है क्योंकि कार्यक्रम में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल थीं। हादसा इतना भयानक था कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को राज्य में एक दिन के शोक का एलान किया। अमरिंदर सिंह 16 घंटे की देरी के बाद मौके का जायजा लेने पहुंचे, इस पर वह लोगों की आलोचना का शिकार हो रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस पर सफाई भी दी है।

रेलवे ने हादसे की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा है। उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बयान जारी कहा कि दशहरा कार्यक्रम ऐसे इलाके में हो रहा था जो रेलवे के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। कार्यक्रम आयोजित करने के लेकर न तो क्षेत्रीय प्रशासन और न ही कार्यक्रम आयोजक ने सूचना दी.. तो रेलवे से अनुमति लेने का सवाल ही नहीं उठता हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के समय मानवीय क्रॉसिंग के दरवाजे बंद थे। खबरों के मुताबिक जिस जगह यह भयानक हादसा हुआ वहां रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले दलबीर सिंह की भी हादसे में मौत हो गई। सीएम अमरिंदर सिंह ने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।