खालिस्तानी समर्थक और “वारिस पंजाब दे” चीफ अमृतपाल सिंह (Waris Punjab De Chief Amritpal Singh) फरार है। अमृतपाल सिंह का यूपी कनेक्शन सामने आया है। खबर है कि अमृतपाल सिंह ने जिस स्कॉर्पियो कार का इस्तेमाल भागने के लिए किया था, उसका मालिक उत्तराखंड और नेपाल की सीमा से सटे पीलीभीत के एक गुरुद्वारे का निकला है।

बुधवार को इस कार को पंजाब में चिन्हित किया गया और उसके मालिक का पता लगाया गया। फगवाड़ा से स्कॉर्पियो को छोड़कर अमृतपाल इनोवा कार से फरार हो गया। जिस स्कॉर्पियो का इस्तेमाल अमृतपाल सिंह ने किया था, उसका नंबर UK 06 AR 1313 है।

हालांकि अमृतपाल सिंह तक स्कॉर्पियो कैसे पहुंचा, उसकी अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। किस व्यक्ति ने अमृतपाल को स्कॉर्पियो मुहैया कराई, इसकी जांच की जा रही है। वहीं जिस गुरुद्वारे के ग्रंथी की स्कॉर्पियो है, उसके मालिक ने एक बयान दिया है। जिसकी स्कॉर्पियो है वह बड़े पुरा गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी मोहन सिंह हैं।

मोहन सिंह ने यूट्यूब चैनल यूपी तक से बात करते हुए कहा, “यह गाड़ी पिछले 5-6 महीने से डेरे पर थी। वहां पर जो सेवादार थे, वही उसकी रखवाली करते थे। उन्होंने बस इतना कहा था कि वह पंजाब जा रहे हैं। बाकी उसके बाद उन्होंने कुछ नहीं बताया और उनका फोन भी नहीं लगा। हमारे पास 20-25 गाड़ियां और हैं और डेरे में गाड़ियां जाती रहती है, जहां पर जिस तरीके की जरूरत होती है। सब गाड़ियां हमारे नाम हैं। गाड़ियों का इस्तेमाल सामान लाने-ले जाने के लिए किया जाता है।”

4 दिन पहले पुलिस ने पंजाब के फगवाड़ा के पास स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद की थी। पंजाब पुलिस का दावा है कि इसी गाड़ी का इस्तेमाल अमृतपाल सिंह ने भागने के लिए किया था। जब पुलिस ने जांच की तब पता चला यह गाड़ी पीलीभीत के अमरिया इलाके में स्थित बड़े पूरा गुरुद्वारा के जत्थेदार (ग्रंथि) मोहन सिंह की है।

जैसे ही मामले में जत्थेदार मोहन सिंह का नाम सामने आया, उसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई। उत्तराखंड और पीलीभीत पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुद्वारे पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की। पुलिस ने कहा है कि ग्रंथि से अभी तक मुलाकात नहीं हो पाई है। लेकिन जानकारी जुटाई जा रही है कि गाड़ी यहां से वहां कैसे पहुंची?