छत्तीसगढ़ इन दिनों भीषण सूखे से जूझ रहा है और यहां के वन विभाग के अफसर अपने सरकारी बंगले में स्विमिंग पूल बनाने को लेकर चर्चा में हैं। राज्य शासन ने अफसर से सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य और नक्सल प्रभावित जिले सुकमा के वन मंडल अधिकारी राजेश कुमार चंदेल पर आरोप है कि उन्होंने जिला मुख्यालय में स्थित अपने बंगले में स्विमिंग पूल बनवाया है। राज्य की 117 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। चंदेल पर आरोप के बाद राज्य शासन ने चंदेल से जवाब मांगा है।
राज्य में वन विभाग के प्रमुख सचिव आरपी मंडल ने बताया कि चंदेल के सरकारी बंगले में स्विमिंग पूल बनाए जाने की खबर के बाद राज्य शासन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मंडल ने बताया कि चंदेल से इस बारे में तीन-चार सवाल किए गए हैं जिनमें पूल का निर्माण कौन सी निधि से किया गया है। पूल का निर्माण कहां किया गया है। इसकी क्या उपयोगिता है और क्या इसके लिए अनुमति ली गई है, जैसे सवाल शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि यदि समय पर वन मंडल अधिकारी नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तब उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वन अधिकारी द्वारा अपने सरकारी निवास पर पूल बनाने की खबरों के बाद राज्य के वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि अधिकारी को निवास पर पूल बनाने के बजाय वन क्षेत्रों में जानवरों के लिए तालाब बनावाने चाहिए। अधिकारी क्षेत्र में कार्य करने गए हैं न कि सुख-सुविधा का साधन जुटाने। इधर इस मामले को लेकर राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार की खिंचाई की है और कहा है कि राज्य के अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि राज्य में सूखा पड़ा हुआ है और यहां के अधिकारी अपने सरकारी निवास में बिना किसी अनुमति के स्विमिंग पूल बनवा रहे हैं। यह साबित करता है कि यहां के अधिकारी बेलगाम हो गए हैंं।