उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में संविधान निर्माता बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ दिया गया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। इस घटना की जानकारी नागला झम्मन गांव के लोगों को बुधवार सुबह हुई और वे इसे लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करने लगे। पुलिस को संदेह है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने इलाके में तनाव पैदा करने के लिए रात के समय प्रतिमा को तोड़ दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नाराज स्थानीय और दलित समुदाय के लोगों को शांत कराने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं, जो इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

हिंसा की आशंका के चलते इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है। बीते एक महीने में उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में आधे दर्जन से ज्यादा आंबेडकर प्रतिमाओं को तोड़े जाने की घटनाएं हुई हैं। सिर्फ एक दिन पहले ही राज्य पुलिस ने 14 अप्रैल को दलित नेता के जन्म दिन से पहले प्रतिमाओं को तोड़े जाने के संभावित प्रयास को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में चेतावनी जारी की थी।

गौरतलब है कि इससे पहले 7 मार्च  को देर रात उत्तर प्रदेश के मेरठ में शरारती तत्वों ने डॉ.भीमराव अंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी थी। मामले की जानकारी होने पर स्थानीय लोगों ने हंगामा किया था। मवाना इलाके के लोगों ने इस बाबत मूर्ति को बदलने की मांग की थी। इस घटना के बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस प्रकार के मूर्ति कांड पर नाराजगी भी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसे लोग पागल और बेशर्म होते हैं। आपको बता दें कि बीजेपी की त्रिपुरा में जीत के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसा, मारपीट, आगजनी और तोड़-फोड़ शुरू हो गई थी। माकपा इस हिंसा के पीछे बीजेपी का हाथ मान रही है, जबकि बीजेपी का कहना था कि उसकी परंपरा में हिंसा का सहारा नहीं लिया जाता। मूर्ति तोड़ विवाद की शुरुआत दक्षिण त्रिपुरा जिले के बेलोनिया उपखंड में लेनिन की प्रतिमा बुल्डोजर से ढहाए जाने के साथ शुरू हुई थी।