इलाहाबाद के एक प्राइवेट स्‍कूल ने स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर जन गण मन, वंदे मातरम और सरस्‍वती वंदना गाने पर बैन लगा दिया है। स्‍कूल का कहना है कि कुछ मुस्‍ल‍िम अभिभावकों के विरोध की वजह से ऐसा किया गया है। इस फैसले से नाराज स्‍कूल के प्रिंसिपल समेत आठ टीचर्स ने इस्‍तीफा दे दिया है। राष्‍ट्रगान पर बैन लगाने से जुड़ा यह अजीबोगरीब आदेश देने वाले शख्‍स हैं मोहम्‍मद जिया-उल हक। वे शहर के सादियाबाद इलाके में स्‍थ‍ित एमए कॉन्‍वेंट स्‍कूल के मैनेजर हैं। मुस्‍ल‍िम बहुल इलाके में स्‍थ‍ित इस स्‍कूल में कुल 330 स्‍टूडेंट्स हैं। स्‍कूल के प्र‍िंसिपल ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया, ‘स्‍कूल में कुल 200 हिंदू स्‍टूडेंट हैं जबकि बाकी 130 मुस्‍ल‍िम हैं। वे आखिर कैसे ऐसा मूर्खतापूर्ण कारण देते हुए वंदे मातरम या जन गण मन पर बैन लगा सकते हैं? मैंने जैसे ही यह फैसला सुना, स्‍कूल छोड़ दिया। सात अन्‍य टीचरों ने भी ऐसा किया है क्‍योंकि यह हमें स्‍वीकार नहीं है।’

द इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत करते हुए स्‍कूल के मैनेजर मोहम्‍मद जिया उल हक ने कहा कि ऑर्डर इसलिए पास किया गया क्‍योंकि कुछ मुस्‍ल‍िम अभिभावकों ने आपत्‍त‍ि दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि उनके बच्‍चे ये नहीं गाएंगे क्‍योंकि ये उनके धर्म के खिलाफ है। हक ने सवाल उठाया, ‘राष्‍ट्रगान में एक लाइन है ‘भारत भाग्‍य विधाता।’ यह इस्‍लाम के खिलाफ है क्‍योंकि हमारा भाग्‍य विधाता अल्‍लाह है। हम यह कैसे कह सकते हैं कि भारत ने हमारी किस्‍मत लिखी है?’ हक ने आगे कहा,’राष्‍ट्रगान में कहा गया है देश मजहब या खुदा से बड़ा है, जो बात किसी भी सच्‍चे मुसलमान को कबूल नहीं होगा। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आप किसी को उसके मजहब के खिलाफ काम करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।’ हक ने यह भी कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि वंदे मातरम, जन गण मन या सरस्‍वती वंदना पर बैन लगाया गया हो। यह परंपरा तो सालों से चल रही है। हक ने कहा, ‘स्‍कूल कैंपस में कभी भी राष्‍ट्रगान नहीं गाया गया। इस बात की मंजूरी नहीं दी गई क्‍योंकि यह गैर इस्‍लामिक है। मैं एक स्‍कूल चलाता हूं और मेरी बच्‍चों के अभिभावकों के प्रति जिम्‍मेदारी है। टीचरों ने नौकरी इसलिए छोड़ी क्‍योंकि उनकी मैनेजमेंट से कुछ समस्‍याएं थीं।’

नौकरी से इस्‍तीफा देने वाली प्रिंसिपिल ने कहा है कि वे मैनेजर के खिलाफ कानूनी कदम उठाने जा रही हैं। इलाहाबाद के डीएम संजय कुमार ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा कि उस स्‍कूल की मान्‍यता तक नहीं है और वे आठवीं तक की क्‍लास चला रहे हैं। स्‍कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्‍हें अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा।