अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में नए शैक्षणिक सत्र के तहत 9वें बैच के छात्रों के लिए 15 दिन तक चलने वाले ओरिएंटेशन प्रोग्राम ‘संस्कार 2024’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर से चयनित 85 परास्नातक छात्रों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। छात्रों ने शिष्योपनयन प्रतीज्ञा लेकर अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत की।
सर्वोत्तम शिक्षा और परिवर्तनकारी अनुभव प्रदान करता है
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. तनुजा मनोज नेसारी ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं और कहा, “आप सभी का यह बैच भविष्य में इतिहास रचने वाला है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की खासियत यह है कि यह सर्वोत्तम शिक्षा और परिवर्तनकारी अनुभव प्रदान करता है। हमें समाज की भलाई के लिए काम करने की दृष्टि से आगे बढ़ना चाहिए।”
जिंदगी में बदलाव लाएंगे अगले तीन साल
संस्थान की निदेशक (इंचार्ज) डॉ. सुजाता कदम ने अपने संबोधन में छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सोने को शुद्ध बनने के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इसी तरह, ये तीन साल आपकी जिंदगी में बदलाव लाएंगे और आपकी क्षमता को निखारेंगे।
2017 में स्थापित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने अब तक 27 लाख से अधिक मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। हर दिन लगभग 2000 मरीज इस संस्थान की सेवाओं का लाभ उठाते हैं। परास्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए छात्रों को अखिल भारतीय आयुष स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (एआईएपीजीईटी) पास करनी होती है।
कार्यक्रम में डीन पीएचडी डॉ. महेश व्यास, डीन पीजी डॉ. योगेश बडवे, और शैक्षणिक सलाहकार आनंद मोरे सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी शिरकत की। छात्रों को भविष्य के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा दी गई।
नवागंतुकों के लिए अवसरों की नई राह
संस्थान का यह कार्यक्रम छात्रों को न केवल शिक्षा में बल्कि समाज की भलाई के लिए काम करने की प्रेरणा देता है। इस सत्र के माध्यम से आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्कृष्टता और समर्पण का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। संस्कार 2024 के जरिए अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने नए बैच का स्वागत करते हुए शिक्षा और सेवा के लक्ष्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की शुरुआत की।