उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में चंदे से बनाई गई एक मस्जिद का सौदा कर दिया गया। मस्जिद बेचने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। आरोपों के मुताबिक, मोहम्मद असलम नाम के एक शख्स ने चंदे के पैसे से अपने खेत में एक मस्जिद बनाई और फिर इसे बेच दिया। प्रशासन को मस्जिद के निर्माण की भी जानकारी नहीं थी।
यह पूरा मामला छर्रा विधानसभा के नगर पंचायत पिलखना का है, जहां 4 साल पहले असलम ने चंदे के पैसे से एक मस्जिद बनवाई थी और बाद में उसको बेच दिया। जब इस मामले की जानकारी प्रशासन को मिली तो जांच के निर्देश दिए गए क्योंकि 1992 एक्ट के तहत प्रशासन की अनुमति के बिना कोई मस्जिद या मंदिर नहीं बनाया जा सकता है। यह मस्जिद पिलखना में सड़क के किनारे बनाई गई है। मस्जिद को बनाने वाले लोग खुद अलीगढ़ से फरार हैं।
कैसे सामने आया मामला
प्रशासन को इस मामले की जानकारी तब हुई जब पिलखना नगर पंचायत में कुछ बैनामा में स्टांप चोरी का मामला सामने आया। इसके बाद जब मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि हाल ही में पिलखना नगर पंचायत स्थित सड़क किनारे बनाई गई मस्जिद को बेच दिया गया है।
1992 एक्ट कहता है कि प्रशासन की इजाजत के बिना कोई भी धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता, बावजूद इसके मस्जिद का निर्माण कैसे हुए, अब यह सवाल उठ रहा है।
मस्जिद बनाने के बाद मोहम्मद असलम पिलखना से फरार हो गया। एडीएम वित्त एवं राजस्व अमित कुमार भट्ट ने बताया कि असलम ने लोगों से मस्जिद बनाने के लिए चंदा इकट्ठा किया और फिर अपने खेत में मस्जिद का निर्माण करवाया। इसके बाद मस्जिद को बेच दिया और फिर यहां से फरार हो गया। उन्होंने कहा कि पिलखना में मस्जिद बेचने के मामले की जांच चल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि एसडीएम कोल को मोहम्मद असलम और उनके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।