सारागढ़ी के युद्ध पर आधारित फिल्म केसरी का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। इस फिल्म में अक्षय कुमार हवलदार ईशर सिंह का किरदार निभा रहे हैं। बता दें कि सारागढ़ी का युद्धा 1897 में लड़ा गया था और ईशर सिंह सिख रेजिमेंट के कमांडर थे। इस युद्ध में 36 सिख रेजिमेंट के 21 जवानों ने 10 हजार अफगान सैनिकों को धूल चटा दी थी। फिल्म के ट्रेलर को ऑडियंस से काफी शानदार रिएक्शन मिल रहे हैं। वहीं, ट्रेलर में अक्षय कुमार के एक डायलॉग ‘चल झूठा’ के मीम्स भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। आइए देखते हैं कुछ फनी मीम्स…

21 मार्च को रिलीज होगी फिल्म: 2.0 के बाद अब अक्षय कुमार केसरी के साथ धमाल मचाने आ रहे हैं। इस फिल्म में अक्षय के साथ परिणीति चोपड़ा नजर आएंगी। यह फिल्म 21 मार्च को रिलीज होगी। अक्षय कुमार ने जब इस फिल्म का पहला पोस्टर रिलीज किया, तभी से वे अपने सिख लुक को लेकर सुर्खियों में आ गए और जमकर वाहवाही लूटी। बता दें कि यह फिल्म धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही है। यूट्यूब पर दो दिन में इस फिल्म के ट्रेलर को 23 मिलियन से अधिक लोग देख चुके हैं।

12 सितंबर 1897 को हुआ था हमला: यह फिल्म एक पीरियड ड्रामा फिल्म है जो सारागढ़ी के युद्ध पर बेस्ड है। बता दें कि उस वक्त अफगानिस्तान के कबीले भारत के कई इलाकों पर हमले करते थे। इन हमलों को रोकने के लिए भारत-अफगान सीमा पर कोहट के सारागढ़ी पर दो किले बनाए गए थे। इन किलों के नाम थे गुलिस्तानं का किला और लॉकहार्ट का किला। इन किलों की सुरक्षा के लिए 36 सिख बटालियन के 21 सिखों को तैनात किया गया था। इन जवानों ने 12 सितंबर 1897 को करीब 10 हजार अफगान सैनिकों से लोहा लिया था।

अंग्रेजों ने देर से भेजी थी मदद: गुलिस्तान के किले पर जहां सिख जवान थे तो लॉकहार्ट के किले पर अग्रेजी अफसर। सिखों ने अंग्रेजी अफसरों को संदेश भेजा था कि अफगान सैनिकों ने उन पर हमला कर दिया है, लेकिन अंग्रेज अफसरों ने इतने कम समय में सेना भेजने से इनकार कर दिया। इसके बाद 21 सिख जवान अकेले मैदान में उतर गए थे।

दीवार टूटने के बाद हुई थी आमने-सामने की लड़ाई: लड़ाई की शुरुआत में जमकर गोलाबारी और बंदूकें चलीं। अफगानों ने दरवाजों को भी खोलने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे। हालांकि, उन्होंने किले की दीवार का एक हिस्सा तोड़ दिया, जिससे लड़ाई आमने-सामने की हो गई थी। उस दौरान सिख सैनिकों ने करीब 600 अफगानियों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद अंग्रेजी सिपाहियों ने अफगानियों को भगाया।






