भारतीय जनता पार्टी के नेता दयाशंकर सिंह के बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती पर अभद्र टिप्‍पणी और इसके बाद बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी नेता की मां-बेटी को लेकर की गई गालीगलौच पर मचा राजनीतिक घमासान जारी है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर सड़क पर उतरने का फैसला किया है। वहीं, समाजवादी पार्टी इस मामले में दर्शक की भूमिका में है। हालांकि, यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और कानून सबके लिए बराबर है।

दरअसल, दयाशंकर के परिवार ने मायावती और कुछ अन्‍य बीएसपी नेताओं के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है। परिवार की मांग है कि इस मामले में बसपा सुप्रीमो और अन्‍य नेताओं पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि बीजेपी ने दयाशंकर सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्‍कासित कर दिया है। पुलिस भी उनकी तलाश में है, लेकिन फिलहाल वे अंडरग्राउंड चल रहे हैं। अखिलेश पूरे मामले पर चुटकी लेते भी नजर आए। शुक्रवार को उन्‍होंने कहा, ‘एक की जुबान फिसली तो फिर दोनों तरफ से गालियों का कंपटीशन होने लगा।’ हालांकि, अखिलेश ने यह भी कहा, ‘जो उन्‍होंने (दयाशंकर) ने कहा, वो निंदनीय है। हालांकि, बीएसपी में टिकट बेचे जाते हैं, यह हर कोई जानता है।’

दयाशंकर के परिवार और बसपा के बीच जारी इस विवाद पर सोशल मीडिया ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीएसपी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने ‘दयाशंकर की बेटी को पेश करो’ नारे को जायज ठहराया था। वहीं, मायावती ने कहा था कि कार्यकर्ताओं ने सबक सिखाने के लिए इस तरह की गालीगलौज की। इस बात को लेकर टि्वटर यूजर्स ने नाराजगी जाहिर की है। शनिवार शाम बेटी_के_सम्मान_में ट्रेंड में आ गया।

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