उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप गिरोह को लेकर राजनीतिक खींचतान जोरों पर है। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा तो उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एक तस्वीर के जरिए सपा प्रमुख को कथित आरोपियों से जोड़कर पलटवार किया।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा मीडिया को दिए गए बयान को शेयर किया।
यादव ने लिखा, ‘‘नशाख़ोरी की जांच के लिए ‘सिरप टॉस्क फोर्स’ मतलब एसटीएफ के साथ-साथ जीटीएफ भी बना दीजिए… बाकी जनता समझदार है। भाजपाइयों के चेहरों पर हवाइयां क्यों उड़ी हुई हैं? कोडीन कफ सिरप की सच्चाई ये जानते हैं तभी ख़ुद नहीं पी, इसीलिए बीच में किसी को खांसी भी आ गयी।’’
अखिलेश यादव ने ‘जीटीएफ’ का मतलब नहीं समझाया।
यादव की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पत्रकारों को एक सोशल मीडिया पोस्ट दिखाई जिसमें सपा प्रमुख कथित तौर पर कफ सिरप मामले से जुड़े लोगों के साथ एक तस्वीर में नजर आये।
‘योगी जी को पता चला तो इनकी क्लास लगा देंगे…’
पाठक ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी प्रमुख के साथ खड़े दिख रहे ये लोग वही हैं जो कफ सिरप रैकेट में आरोपी हैं। वे जवाबदेही से बचने की कोशिश करते हुए दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है।
बृजेश पाठक ने कहा, ‘‘हमारी सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि जिन ताकतों ने राज्य को माफिया राज और अराजकता की ओर धकेला उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
पाठक ने यह भी मांग की कि समाजवादी पार्टी तस्वीर में उन व्यक्तियों की मौजूदगी को स्पष्ट करे। उन्होंने दावा किया कि वे पार्टी के सदस्य थे जो सपा के कार्यकाल के दौरान फले-फूले थे। यह जुबानी जंग राज्य में कोडीन कफ सिरप के स्टोरेज और वितरण में शामिल एक अवैध नेटवर्क पर जारी कार्रवाई के बीच हुई है।
सपा से जुड़े हैं पकड़े गए लोगों के तार: योगी आदित्यनाथ
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार को लेकर कहा कि मामले की जांच जारी है और अब तक जितने भी लोग पकड़े गए हैं, उनके तार सपा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि जांच होने दीजिए दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
