इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। इसी बीच महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के विरोध में बोलते हुए ईवीएम का समर्थन किया है। अजित पवार ने अपनी ही पार्टी से अलग रुख अपनाते हुए ईवीएम को सही ठहराया है। उन्होंने बैलेट पेपर से चुनाव करना की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी को फटकार भी लगाई है।

अजित पवार ने कहा, ‘जब ईवीएम मशीन था तब भी कांग्रेस की सरकार राजस्थान और पंजाब में आई। तब भी बहुत बार हमारी पार्टी के लोग अच्छा बहुमत मिला तो कहते हैं सब ठीक है। बहुत ज़्यादा वोटों से हार गए तो बोलते हैं EVM मैनेज किया गया।” अजित पवार ने कहा कि ईवीएम ठीक चल रहा है। मेरा ईवीएम पर पूरा भरोसा है। इससे पहले एनसीपी नेता अजित पवार ने बुधवार को कहा था कि वह अपने निजी अनुभव के आधार पर कह सकते हैं कि ईवीएम उचित मतदान सुनिश्चि करती है और मतों की सही संख्या दर्शाती है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार की यह टिप्पणी ईवीएम को लेकर उनकी पार्टी के रुख से भिन्न जान पड़ता है। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अजित पवार ने मजाकिया लहजे में कहा कि ईवीएम पराजित उम्मीदवारों को हार का ठीकरा मशीन पर डालने का अवसर प्रदान करता है। बारामती विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले पवार ने कहा, ‘‘ मैंने छह से सात चुनाव ऐसे लड़े हैं, जिनमें ईवीएम का इस्तेमाल हुआ है। यह मशीन उचित मतदान को सुनिश्चित करती है और सही संख्या दर्शाती है।’’

वह महाराष्ट्र में भविष्य के चुनावों में ईवीएम के साथ मतपत्र के इस्तेमाल पर चल रही चर्चाओं से जुड़े एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। पवार को 2019 में विधानसभा चुनाव में 1.65 लाख मतों से जीत मिली थी। महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष रहते हुए नाना पटोले ने राज्य विधानसभा से एक ऐसा कानून बनाने का सुझाव दिया था , जिससे मतदाताओं को ईवीएम के साथ-साथ मतपत्र का इस्तेमाल करने का भी विकल्प स्थानीय और राज्य विधानसभा चुनाव में उपलब्ध हो सकेगा। पटोले इस पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

पटोले के बयान पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर पवार ने कहा था, “यदि कोई सुझाव आता है तो मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य उस पर चर्चा कर अंतिम निर्णय लेंगे। हम चर्चा करने के बाद निर्णय लेंगे।” पवार ने कहा कि ईवीएम से कागज और पैसे की बचत होती है इसलिए मतपत्रों का इस्तेमाल बंद हो गया।