कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों की बैठक में अपनी टिप्पणियों के लिए पार्टी नेताओं की आलोचनाओं का सामना कर रहे पार्टी नेता राजीव सातव ने अपने बयान पर यूटर्न लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत यूपीए-2 एक अच्छी सरकार थी जो लोगों की सरकार थी। यूपीए-2 की सफलता तब और प्रबल हो जाती है जब हम इसकी तुलना मोदी सरकार से करते हैं। हमें सोनिया जी, मनमोहन सिंह जी और राहुल जी के नेतृत्व में साथ मिलकर खड़े होने की जरुरत है।
यूपीए -2 के कई पूर्व मंत्रियों द्वारा उनकी विवादास्पद टिप्पणी की खुलकर आलोचना करने के बाद उन्होंने मामले में सफाई दी है। कांग्रेस नेता साटव ने कहा कि कहा कि पार्टी में ‘आत्मनिरीक्षण की बहस’ में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम खींचने की ‘दुर्भावनापूर्ण कोशिशें’ निंदनीय हैं। दरअसल सातव ने पार्टी के राज्यसभा सदस्यों की बैठक में यूपीए सरकार के दौरान पार्टी के शासनकाल पर आत्मनिरीक्षण करने की बात कही थी जिसके बाद वह वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर आ गए।
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इसके बाद महाराष्ट्र से आने वाले राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उन्होंने कभी मनमोहन सिंह की नेतृत्व क्षमता पर सवाल नहीं उठाया। सातव ने ट्वीट किया, ‘इस चर्चा में डॉ मनमोहन सिंह का नाम खींचने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास निंदनीय है।’ उन्होंने अपनी टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा, ‘मेरी टिप्पणियों को यूपीए-2 के शासनकाल में में डॉ सिंह के नेतृत्व से जोड़कर देखना गलत है और तथ्यों को पूरी तरह से गलत रूप में पेश करना है। मैं डॉ सिंह को बहुत सम्मान देता हूं। वह आलोचनाओं से परे हैं।’
कांग्रेस के गुजरात मामलों के प्रभारी सातव ने कहा कि सिंह ने एक आधुनिक भारत के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है और हमेशा उच्च सम्मान के अधिकारी रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी टिप्पणियों पर या अन्य सम्मानित सहयोगियों के बयानों पर पार्टी के आंतरिक मंचों पर ही बात करुंगा।’ सातव ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राज्यसभा सदस्यों की बैठक को अत्यंत सकारात्मक बताया।
इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने यूपीए-2 की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि भयावह अभियान 2जी और कोयला ब्लॉक आवंटन मुद्दा था, जिसमें BJP ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जिसकी वजह से 2014 के चुनाव में UPA की हार हुई। उन्होंने कहा कि UPA सरकार की उपलब्धि को पीएमओ अभिलेखागार में देखा जा सकता है और सरकार ने RTI, RTE, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा और अन्य विकास के कार्यों में बहुत काम किया गया है। (एजेंसी इनपुट सहित)

