गुजरात में प्रशासनिक बदलाव के फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद ले रहे हैं। मोदी के गृह राज्य और साल 2017 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह राज्य भाजपा नेतृत्व के लिए एक अहम प्रोजेक्ट है। अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स से सूत्रों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि भाजपा नेतृत्व ने नए सीएम विजय रुपाणी को प्राशसनिक परफॉर्मेंस रिव्यू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मोदी और शाह ने गुजरात की टॉप ब्यूरोक्रेसी और पुलिस में बड़े बदलाव करने कि लिए बैठकें कर रहे हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है के ये बदलाव गुजरात विधानसभा के दो दिन के मानसून सत्र के बाद लागू होंगे। मानसून सत्र 23 अगस्त को खत्म हो जाएगा।
बताया जा रहा है कि नए बदलाव साल 2017 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए किए जा रहे हैं। पीएम मोदी और शाह का मानना है कि गुजरात का नया प्राशसन लोगों को भाने वाला होना चाहिए। इसी महीने की शुरुआत में सीएम पद से इस्तीफा देने वाली आनंदीबेन पटेल के कार्यकाल की आलोचना हो रही थी। इन बदलाव के नजदीकी सूत्रो का कहना है कि इसके तहते ज्यादा ट्रांसफर नहीं किए जाएंगे, लेकिन कुछ अहम विभाग में बदलाव किए जाएंगे।
बदलाव पिछले सप्ताह की शुरु हो चुके हैं। पिछले सप्ताह तीन ट्रांसफर किए गए हैं। पीके तनेजा को इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट में ट्रांसफर कर दिया गया, इसके पीछे वजह है कि जनवरी 2017 में वाइब्रेंट गुजरात होने वाला है। एक अधिकारी ने बताया कि तनेजा का कार्यकाल अगले साल शुरुआत में ही खत्म होने वाला है लेकिन उन्हें यह अहम जिम्मेदारी दी गई है, क्योंकि उन्होंने यह पहले भी कर दिखाया है। इसी तरह 1985 बैच के आईएएस ऑफिसर अनिल मुकिल फाइनेंस डिपार्टमेंट भेज दिया गया है, इसके साथ ही उन्होंने जनरल एडमिनिस्ट्रेशन का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। ये गुजरात में नरेंद्र मोदी के प्राइवेट सेक्रेट्री भी रह चुके हैं। तीसरा तबादला एल चोंगा का किया गया है। श्रम एवं रोजगार विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेट्री चोंगा को ट्रांसफर शिक्षा विभाग में कर दिया गया। पहले यह विभाग पूर्व मुख्यमंत्री के पास था।