मलेरकोटला में शुक्रवार को कुरान की बेअदबी (पन्ने फाड़ने) की घटना के बाद उत्तेजित लोगों ने स्थानीय शिअद विधायक व मुख्य संसदीय सचिव फरजाना निसारा खातून के घर में तोड़फोड़ की। लोगों ने विधायक के पायलट वाहन समेत एक दर्जन वाहनों, सुरक्षाकर्मी का कैबिन, बरामदे में रखे कूलर, मेज-कुर्सी आदि सामान को क्षतिग्रस्त कर दिया। गुस्साए लोगों ने बस अड्डे पर बस में आग लगा दी। पत्थरबाजी में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। गोलीबारी से दो व्यक्ति घायल हुए हैं। पुलिस ने करीब 250 लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है।
घटनाक्रम के मुताबिक शुक्रवार को रोजा इफ्तार के बाद रात करीब 10 बजे के आसपास जारग चौक पर कुछ लोगों ने कुरान के फटे हुए पन्ने देखे। जैसे-जैसे लोगों को इसका पता चला, वे चौक के पास जुटने लगे। देर रात सैकड़ों लोगों ने जारग चौक पर जाम लगा दिया। यह रास्ता पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (जेल) और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इजहार आलम की पत्नी विधायक फरजाना के आवास को जाता है। जानकारी के मुताबिक गुस्साए लोग रात को ही फरजाना से मिलना चाहते थे लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली। इसके बाद कुछ लोग दीवार फांद कर फरजाना के आवास में घुस गए और वहां बहुत ज्यादा तोड़फोड़ की और उत्पात मचाया। जानकारी के अनुसार तोड़फोड़ के बाद विधायक के सुरक्षाकर्मियों ने बचाव में गोलियां चलार्इं। इससे लोगों में गुस्सा और भड़क गया। फिर लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी।
घटना बिगड़ती देख संगरूर से पुलिस को अतिरिक्त बल मंगाना पड़ा। घटना में पुलिस अधीक्षक जसविंदर सिंह समेत छह पुलिसकर्मी घायल हुए। उधर गोलीबारी में दो लोग घायल हुए हैं। इनमें एक के कान और एक के पांव में छर्रे लगे हैं। दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। पुलिस अभी इनकी पहचान नहीं कर सकी है।
पुलिस ने करीब 250 लोगों के खिलाफ हत्या प्रयास का मामला दर्ज किया है। इसमें से 15 लोगों की पहचान हो गई है। खबर लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में बताई है। डीएसपी रणधीर सिंह ने बताया पुलिस ने पूरे प्रकरण में तीन मामले दर्ज किए हैं। इनमें पहला मामला कुरान की बेअदबी और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के संदर्भ में है।
दूसरा मामला पुलिस पर हमला और पत्थरबाजी का है। तीसरा मामला विधायक के घर में तोड़फोड़ करने का है। मुफ्ती ईएच कांधलवी ने गुस्साए लोगों से जाम हटाने और घर जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान किसी तरह की हिंसा ठीक नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को इसकी सजा जरूर मिलेगी। बताते हैं इसके बाद कुछ लोग चले गए लेकिन ज्यादातर वहीं डटे रहे और उन्होंने ही तोड़फोड़ और आगजनी की। मौलाना अतीक उर रहमान ने कुरान की बेअदबी और हिंसक घटनाओं की निंदा करते हुए दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने चेताया ऐसा न होने पर शुक्रवार काला दिवस के तौर पर मनाया जाएगा।