भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर और मरीजों के तेजी से बीमार पड़ने के कारण कई राज्यों में ऑक्सीजन का भीषण संकट लगातार बना हुआ है। पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, फिर गोवा और अब राजस्थान में भी ऑक्सीजन संकट से जान जाने के मामले सामने आने लगे हैं। बताया गया है कि राजस्थान के सबसे बड़े कोविड अस्पातल में आरयूएचएस में शुक्रवार सुबह ही दो मिनट के लिए ऑक्सीजन का प्रेशर गिरा और ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से 3 मरीजों की जान चली गई। अगर यह सप्लाई एक मिनट और देर से शुरू होती तो 27 जानें और जा सकती थीं।
कैसे सामने आई ऑक्सीजन कमी की बात?: घटना के वक्त आरयूएचएस में 30 लोग भर्ती थे। इनमें से 25 वेंटिलेटर पर रखे गए थे। सभी को ऑक्सीजन दी जा रही थी और इनकी हालत स्थिर थी। दोपहर करीब सवा एक बजे के आसपास मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हुई तो वे छटपटाने लगे। इस हालत को देखते ही मरीजों के साथ मौजूद परिजन भी घबरा गए और स्टाफ से मदद के लिए कहने लगे। स्टाफ ने भी ऑक्सीजन सप्लाई देखी तो उनके हाथ-पांव फूल गए। दरअसल, ऑक्सीजन का प्रेशर अचानक गिर गया था, जिससे अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में लोग ऑक्सीजन सिलेंडर लेने भागे। हालांकि, इस बीच तीन मरीजों की मौत हो गई।
इस घटना के बाद जैसे-तैसे ऑक्सीजन सप्लाई दोबारा बहाल की गई। हालांकि, मरीजों की अचानक हुई मौत पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इन्हें समझाने के लिए पुलिस आई, लेकिन लोग नहीं माने। बाद में बाकी मरीजों के हालात को देखते हुए उन्होंने शव लेकर बाहर जाने की बात मान ली।
उधर इस हादसे पर अस्पताल प्रशासन का गैरजिम्मेदाराना रवैया भी सामने आया है। आरयूएचएस का कोई भी उच्चाधिकारी पूरी घटना के दौरान मौजूद नहीं रहा। बताया गया कि वे सभी अहम मीटिंग के लिए बाहर गए थे। बाद में कुछ लोगों ने ऑक्सीजन टैंकर के चालक को ही घेर लिया और बताया कि ऑक्सीजन भरने के दौरान टैंकर चालक को जल्दी थी और उसने पूरे प्रेशर में ऑक्सीजन खोल दी। इससे अचानक प्लांट का प्रेशर कम हो गया। आईसीयू का पूरा प्रेशर भी अचानक गिर गया और ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो गई।