देश में बढ़ रहे अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) के मामलों के मद्देनजर बरेली में पिग मार्केट को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। फरीदपुर के एक फार्म में 20 सूअरों की स्वाइन फ्लू फीवर के कारण मौत हो गई। इसके बाद बरेली जिला प्रशासन ने सुअर बाजारों और सूअर के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) शिवकांत द्विवेदी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की एक रिपोर्ट के बाद मंगलवार (26 जुलाई) को आदेश पारित किया। अपने आदेश में, द्विवेदी ने कहा कि एएसएफ सूअरों में ज्यादा संक्रामक और घातक है और इसके प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।
एएसएफ का पहला मामला 20 जुलाई को बरेली में सामने आया था। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ने इस बीमारी के कारण एक खेत में सूअरों की मौत की पुष्टि की थी। उनके नमूनों का रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) किया गया, जिसमें बीमारी की पुष्टि हुई थी और आईवीआरआई ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।
बरेली के आईवीआरआई के संयुक्त निदेशक डॉ केपी सिंह ने कहा कि उत्तरपूर्वी राज्यों मिजोरम, त्रिपुरा और असम में ऐसे मामले देखे जाने के बाद जिले में स्वाइन फ्लू फीवर की सूचना मिली है। कुछ दिन पहले नवाबगंज तहसील के गांव भादसर डांडिया निवासी डॉक्टर अनिल कुमार के खेत में सूअरों को तेज बुखार आया था। इलाज के बावजूद वो खाना नहीं खा रहे थे और इसके बाद उनकी मौत हो गई।
कुमार ने मृत सूअरों के नमूने आईवीआरआई को भेजे हैं, जिसमें एएसएफ की पुष्टि हुई। इसके बाद प्रशासन ने अन्य सूअरों में संक्रमण की जांच के लिए एक टीम गांव भेजी। उन्होंने कहा कि आईवीआरआई भी इस बीमारी का टीका लाने की प्रक्रिया में है। स्वाइन फ्लू फीवर सबसे पहली बार 1920 में अफ्रीका में रिपोर्ट किया गया था।