फरवरी में भड़की जाट हिंसा पर आई प्रकाश सिंह पैनल की जांच रिपोर्ट के चार दिन बाद हरियाणा सरकार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास को उनके पद से हटा दिया है। जांच में निकलकर आया था कि पीके दास सही से अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाए थे जिसकी वजह से तीन दिन तक राज्य दंगों की चपेट में रहा।

फिलहाल आईएस अधिकारी राम निवास को उनकी जगह नया एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। प्रकाश सिंह पैनल ने अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करते हुए साजिश के एंगल को खारिज कर दिया था। इससे पहले गठित कमिटी की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले बयान दर्ज किए गए हैं।

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इसमें सामने आया है कि हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मियों ने विद्रोह कर दिया था। उन्‍होंने ऊपर से मिले आदेशों को भी मानने से इनकार कर दिया था। इनमें से ज्‍यादातर पुलिसकर्मी जाट समुदाय से थे और इनकी संख्‍या सैंकड़ों में थी। रोहतक और झज्‍जर में इस तरह की ज्‍यादा घटनाएं हुई।

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इसके साथ ही पता चला था कि हिंसा के दौरान जलाए गए 90 पर्सेंट घर, दुकानें और व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठान गैर जाट समुदाय के लोगों के थे। हिंसा की जांच कर रहे प्रकाश सिंह पैनल ने पाया कि प्रदर्शनकारियों ने सैनी, राजपूत, पंजाबी और दूसरी जातियों के लोगों की दुकानों की पहचान करने के बाद उन्‍हें जला दिया। बताया गया कि यह एक पूर्व नियोजित तरीके के तहत किया गया था। पैनल के सामने 3 हजार से ज्‍यादा चश्‍मदीदों ने गवाही दी थी।