गुजरात सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय (Scheduled Caste community) से संबंधित युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 2019 में अडानी कौशल विकास (Adani Skill Development), अहमदाबाद को अनुबंधित करने के लिए किसी निविदा प्रक्रिया (Tender Process) का पालन नहीं किया गया था।
जामजोधपुर (Jamjodhpur) के आम आदमी पार्टी के विधायक हेमंतभाई अहीर (Hemantbhai Ahir) के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार ने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (Social Justice and Empowerment department) ने 5 मार्च, 2019 और 6 अगस्त, 2019 को काम के आदेश दिए थे। पूरक सवालों के जवाब में सरकार ने कहा कि समझौता 13.98 करोड़ रुपये का था और पिछले दो वर्षों में कंपनी को 7.87 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
13.98 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी सरकार
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग मंत्री भानुबेन बाबरिया ने कहा कि अनुबंध के तहत राज्य सरकार इन युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए अडानी कौशल विकास केंद्र को 13.98 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी, जिसमें से 7.87 लाख रुपये का भुगतान पिछले दो वर्षों में किया जा चुका है।
2021 और 2022 में केंद्र में एक भी युवा को प्रशिक्षण नहीं दिया
उन्होंने कहा कि 2021 और 2022 में केंद्र में अनुसूचित जाति के एक भी युवा को प्रशिक्षण नहीं दिया गया। आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, ‘अडानी कौशल विकास केंद्र’ (कंपनी अधिनियम की) धारा-8 के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जो कौशल विकास से संबंधित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करती है, ताकि “भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन के तहत कौशल की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पाटकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सके।”
अडानी फाउंडेशन की वेबसाइट के अनुसार, “अडानी समूह की एक कौशल विकास परियोजना है, जो कौशल आधारित प्रशिक्षण मुहैया कराके युवाओं की रोजगार पाने की संभावनाएं बढ़ाती है और राष्ट्र निर्माण में योगदान देती है।” वेबसाइट के मुताबिक, ‘‘अडानी कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से यह परियोजना भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन के अनुरूप काम करती है।”