कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अनुभव को भरोसा जताते हुए बृहस्पतिवार (10 जनवरी) को उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया था। आज बुधवार (16 जनवरी) को शीला दीक्षित ने दिल्ली कांग्रेस की कमान संभाल ली। इस मौके पर एक समारोह का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में 1984 सिख विरोधी दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर भी दिखे। जिसके बाद सवाल उठने शुरू हो गए। हालांकि, सवाल उठाने वालों को टाइटलर ने गलत ठहराया। बता दें कि सिख विरोधी दंगों में कोर्ट ने सज्जन कुमार को सजा सुनाई है। वहीं, जगदीश टाइटलर भी आरोपी हैं।

कांग्रेस के फंक्शन में सिख विरोधी दंगों के दोषी के देखे जाने पर सियासत तेज हो गई है। अकाली दल की हरसिमरत कौर ने ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “उनके परिवार ने पहले क्या किया? राहुल जी उस परंपरा को जारी रखे हुए हैं। इससे साफ पता चलता है कि वे सिखों की भावना की कद्र नहीं करते हैं।”

वहीं, दूसरी ओर 1984 सिख विरोधी दंगे में सज्जन कुमार की सजा पर टाइटलर ने कहा, “जब कोर्ट ने सजा सुना दी है कोई क्या कह सकता है। आप मेरा नाम भी शामिल करें। क्यों? क्या कोई एफआईआर है? क्या कोई मामला है? नहीं? फिर आप मेरा नाम क्यों लेते हो? किसी ने कहा और आपने इसे मान लिया।”

गौरतलब है कि शीला दीक्षित पहले भी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुकी हैं। वह 1984 से 1989 तक कन्नौज से सांसद रह चुकी हैं। शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक (लगातार 15 साल) दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। एक बार फिर से उन्हें दिल्ली प्रदेश की कमान सौंपी गई है। उनके साथ देवेन्द्र यादव, हारून यूसुफ और राजेश लिलोठिया को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)