भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) में कथित भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से शुक्रवार को तीन घंटे तक पूछताछ की। ACB से पूछताछ खत्म होने के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते दिल्लीवाले आम आदमी पार्टी का गुणगान करे। उन्होंने भी कहा कि जानबूझकर हमें परेशान किया जा रहा है ताकि हम विकास का काम नहीं कर सकें। उन्होंने कहा, “एसीबी की सारी पूछताछ मेरे एक नोट पर आधारित थी जिसमें मैंने कहा है कि दिल्ली महिला आयोग एक्ट 1994 और इसके नियमों के अनुसार DCW में प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार आयोग की मेंबर सेक्रेटरी के पास है। यह महज कानून को स्पष्ट करता हुआ एक नोट है। इसी नोट को लेकर तीन घंटे तक पूछताछ हुई।” उन्होंने पूछा कि महज एक क्लेरिफिकेशन नोट लिखने पर मैं कैसे अपराधी हो गया? इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है।
एसीबी ने सात अक्तूबर को सिसोदिया को पूछताछ को लेकर सूचना देते हुये तलब किया था। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उप मुख्यमंत्री आज सुबह करीब 11 बजे एसीबी कार्यालय में पहुंचे और दो घंटे से अधिक समय तक उनसे पूछताछ की गई। सूत्रों ने बताया था, ‘‘एसीबी ने जिन दस्तावेजों की जांच की है उनमें सिसोदिया के कार्यालय से प्राप्त एक पत्र था और इस पत्र ने डीसीडब्ल्यू को वित्तीय स्वायत्तता वाले एक निकाय रूप में अधिकृत किया था। नियमों के अनुसार केवल उप राज्यपाल ही किसी निकाय को वित्तीय स्वायत्ता प्रदान कर सकता है। हम इस पहलू पर उनसे पूछताछ करेंगे।’’
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एसीबी पिछले कुछ महीनों से इस मामले की जांच कर रही है और मालीवाल के कर्मचारियों से पूछताछ के आधार पर यह पाया गया कि उचित प्रक्रिया का नियुक्ति में पालन नहीं किया गया। इस बीच, डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने एसीबी द्वारा सिसोदिया को तलब किये जाने को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ बताया और दावा किया कि नियुक्तियों में सिसोदिया की कोई भूमिका नहीं थी। मालीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सिसोदिया को तलब किया जाना राजनीतिक प्रतिशोध है। डीसीडब्ल्यू की नियुक्तियों में उनकी कोई भूमिका नहीं है। डीसीडब्ल्यू हमेशा से स्वायत्त था। उन्होंने कहा, ‘‘एसीबी मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज दर्ज कर रही है। सबूत होने के बावजूद एसीबी पिछले तीन हफ्तों से शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार की मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।’’
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— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) October 14, 2016
इसी नोट को लेकर तीन घंटे की पूछताछ हुई! महज़ एक क्लेरिफिकेशन नोट लिखने से मैं कैसे अपराधी हो गया? इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है।
5/N— Manish Sisodia (@msisodia) October 14, 2016
DCW में Administrative और Financial पावर आयोग की मेंबर सेक्रेटरी के पास हैं। यह महज़ कानून को स्पष्ट करता हुआ एक नोट है
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एसीबी की सारी पूछताछ मेरे एक नोट पर आधारित थी। जिसमें मैंने कहा है कि दिल्ली महिला आयोग एक्ट 1994 और इसके नियमों के अनुसार
3/N— Manish Sisodia (@msisodia) October 14, 2016
पिछले डेढ़ साल से दिल्ली सरकार ने जितनी तेजी से और जितने काम कर दिए है उतने पिछले 20 साल में किसी सरकार ने नहीं किए।
2/N— Manish Sisodia (@msisodia) October 14, 2016