दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) और मुख्य सचिव के बीच पैदा हुआ विवाद थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान को हिरासत में लिया है। इससे पहले उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था, ‘थक कर न बैठ ए मंजिल के मुसाफिर। मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगा।’ दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ 20 फरवरी को कथित तौर पर AAP विधायक द्वारा मारपीट की गई थी। इसको लेकर दर्ज शिकायत में आमनतुल्ला को मुख्य आरोपी बनाया गया है। AAP विधायक ने खुद जामिया नगर थाने में सरेंडर किया। उन्होंने कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। इससे पहले दिल्ली पुलिस AAP के एक और विधायक प्रकाश जरवाल को हिरासत में ले लिया था। उन पर भी अंशु प्रकाश के साथ मारपीट का आरोप है। मुख्य सचिव ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उन्हें आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर बुलाया गया था। सीएम की मौजूदगी में उनके साथ मारपीट की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सचिवालय की लिफ्ट के पास भी मुख्य सचिव पर हमला किया गया था। जरवाल ने बताया था कि सीएम आवास पर बुलाई गई बैठक में 10 विधायक शामिल हुए थे। AAP विधायक के अनुसार, एक विधायक ने मुख्य सचिव से दलित परिवारों के बीच राशन वितरित न होने का मामला उठाया था, जिसके बाद अंशु प्रकाश ने कथित तौर जातिसूचक टिप्पणी की थी।
थक कर ना बैठ, ए मंजिल के मुसाफिर।
मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा।— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) February 21, 2018
Alleged assault of Delhi Chief Secy: AAP MLA Amanatullah Khan reaches Jamia Nagar Police Station, says that he has come to surrender, also added that, 'I have not done anything wrong.' pic.twitter.com/enQIO7CKSM
— ANI (@ANI) February 21, 2018
विधायक अमानतुल्ला खान ने कहा, ‘मुख्य सचिव द्वारा लगाया गया मारपीट का आरोप गलत है। वह बीजेपी के इशारे पर बोल रहे हैं। मंत्री और सलाहकार को पीटा गया, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मैं भी विधायक हूं। इसके बावजूद हमारी बात नहीं सुनी जा रही है। गृह मंत्रालय के दबाव में दिल्ली में हमारे साथ पहले दिन से साजिश रची जा रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। जनता हमारे साथ है।’ बता दें कि 20 फरवरी को एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और AAP विधायकों के बीच नोकझोंक हो गई थी। इसके बाद मुख्य सचिव ने पुलिस के समक्ष विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें अमानतुल्ला को मुख्य आरोपी बनाया गया। सूत्रों की मानें तो एफआईआर में कुछ धाराएं ऐसी हैं, जो जमानती नहीं हैं। ऐसे में अगर इस मामले में किसी आरोपी विधायक की गिरफ्तारी होती है तो उन्हें कोर्ट से ही जमानत मिलेगी।