उत्तर प्रदेश चुनाव में प्रचार की शुरुआत अयोध्या से करने और दिल्ली में मुफ्त तीर्थ यात्रा कराने के ऐलान के बाद आम आदमी पार्टी पर हिंदुत्व के एजेंडे पर चलने के आरोप लगते रहे हैं। इन सवालों की तपिश से उत्तराखंड भी दूर नहीं है। समाचार चैनल टाइम्स नाउ नवभारत के कॉनक्लेव नवनिर्माण मंच पर उत्तराखंड में आप के सीएम प्रत्याशी अजय कोठियाल आए तो उन्हें इन सवालों का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम के दौरान एंकर अंकित त्यागी ने उनसे पूछा कि अरविंद केजरीवाल आज कल मंदिरों में दर्शन करते दिखाई पड़ते है, खुलकर बोलते हैं कि मैं हिंदू हूं, तो क्या आपको नहीं लगता है वह हिंदुत्व के चक्कर में बीजेपी की पिच खेल रहे हैं।

एंकर के सवाल पर अजय कोठियाल ने कहा कि मैं ऐसे संस्थान से आता हूं जहां सर्वधन स्थल बोलते हैं, वहां सभी धर्म के लोग आकर पूजा कर सकते हैं। लेकिन पासपोर्ट में जब अपनी जानकारी भरते हैं तो वहां अपना धर्म हिंदू लिखते हैं लेकिन उससे क्या फर्क पड़ता है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मजबूत तरीके से कर्म की राजनीति करके दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल जो चीजें कर रहे हैं उन्हें आइडेंटीफाई करने की जरूरत है।

कोठियाल के अनुसार केजरीवाल लोगों को तीर्थ यात्राओं पर भेज रहे हैं, इससे बेहतर क्या हो सकता है, वह श्रवण कुमार का काम कर रहे हैं। यहां एंकर ने उन्हें फिर टोका और पूछा कि जब काम पर इतना यकीन है तो ये सब करने की क्या जरूरत है, लोगों को वादा करने की कि आपको तीर्थ कराएंगे वगैरह वगैरह। ऐसे तो आप भी अपनी राजनीति में धर्म का मिश्रण कर रहे हैं, ठीक उसी तरह जैसे अन्य राजनीतिक दल करते हैं।

उन्होंने कहा कि धर्म सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि हमारे जीवन से जुड़ी हुई हैं, जब हमारे घर बच्चा पैदा होता है तो उसकी शुरुआत धार्मिक तरीकों से ही की जाती है और जब वह बड़ा होकर अजय कोठियाल बनता है और युद्ध के लिए जाता है तो आखिरी प्रार्थना होती है बोल बद्री विशाल लाल की जय, उन्होंने पूछा कि क्या इसे धर्म से जोड़ दिया जाता है। धर्म हमारे जीवन से जुड़ा है, इसलिए धर्म को छोड़ नहीं सकते है लेकिन साथ में कर्म की राजनीति भी करनी चाहिए।

कोठियाल का मानना है कि उत्तराखंड में हमारा मुकाबला बीजेपी से है, कांग्रेस तो खत्म हो चुकी है और केंद्र और राज्य में बीजेपी सत्ता में है तो वह हमारे साथ प्रशासन की मदद लेकर लड़ेंगे।

हरीश रावत के ट्वीट पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मैं उन्हें केदारनाथ प्रलय के समय से देख रहा हूं, उनकी पर्सनालिटी भी अच्छी है और विजन भी है लेकिन वह अपनी पार्टी में जिस तरह से फंसे हैं उसे देखकर दुख होता है।