गूगल की मदद से एक शख्स के गांव का पता लगाकर उनका शव परिजनों तक पहुंचाए जाने का एक मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली की लोधी कॉलोनी में जीत बहादुर बानसेट 10 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल हो गए थे। इस हादसे में वह अपनी याददाश्त और आवाज खो चुके थे। इस घटना के बाद उन्हें घायल अवस्था में एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इलाज के बाद उनके परिजनों की कोई जानकारी न मिल पाने पर जीत बहादुर को पुलिस ने उन्हें जसोला के एक आश्रम में भेज दिया। आश्रम में उनका मानसिक चल रहा था।
सड़क दुर्घटना में हुए थे घायलः पुलिस को 2 नवंबर 2018 को सूचना मिली की जसोला आश्रम में रहने वाले एक व्यक्ति की बुखार के कारण मौत हो गई। इसके बाद फतेहपुर बेरी पुलिस ने शख्स की पहचान जानने के लिए उनके कागजात की जांच की तो पता चला कि कुछ साल पहले वे लोधी कॉलोनी में एक सड़क दुर्घटना में वे घायल हो गए थे जिसमें उनकी याददाश्त और आवाज चली गई थी। इसके बाद फतेहपुर बेरी पुलिस ने मामले की जांच लोधी कॉलोनी के हवाले कर दी।
National Hindi News, 03 August 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
पुलिस ने एबेंसी से किया संपर्कः जांच के दौरान जब पुलिस ने मृतक के आश्रम की छानबीन की तो उन्होंने देखा कि जीत बहादुर जिस जगह पर रह रहे थे वहां उन्होंने जगह-जगह धौलगिरी लिखा हुआ था। पुलिस ने इसी जानकारी को आधार बनाते हुए खोजबीन शुरू की। इस दौरान जब उन्होंने गूगल पर धौलगिरी लिखा तो उन्हें ढोलगिरी नाम की एक जगह का पता चला जो कि नेपाल में थी। इसके बाद पुलिस ने नेपाल एबेंसी से इस संबंध में संपर्क किया तो उन्हें जानकारी मिली कि नेपाल में अंचल धौलागिरी नाम का एक गांव है। इसके बाद जीत बहादुर के परिजनों का पता लगाकर उनका शव उनके परिजनों को सौंप दिया।
टक्कर मारने वालों के खिलाफ चलेगा मुकदमाः जीत बहादुर की याददाश्त और आवाज चली जाने की वजह से उन्हें टक्कर मारने वालों को सबूतों के अभाव की वजह से छोड़ दिया गया था। हालांकि अब जीत बहादुर की पहचान पता चलने के बाद पुलिस आरोपियों के खिलाफ दोबारा मुकदमा चलाएगी।