दिल्ली में चोरों ने बैंककर्मी बनकर एक दुकान से एटीएम मशीन चोरी की। बता दें कि एटीएम मशीन में करीब 7 लाख रुपए थे। इस बात की जानकारी दुकान मालिक को तब हुई जब तीन दिन बाद दुकान मालिक के पास बैंक की तरफ से एटीएम के लिए कॉल आया। तब उसे पता लगा कि जो लोग दुकान से एटीएम लेकर गए थे वो बैंककर्मी नहीं थे। जिसके बाद दुकान मालिक ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी। वहीं पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए शनिवार (10 जनवरी) को आरोपियों को एटीएम मशीन और कैश सहित गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस का क्या है कहना: दरअसल पूरा मामला साउथ दिल्ली के मैदानगढ़ी इलाके का है। साउथ दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जो कि अलग अलग लॉजिस्टिक और बैंक के एटीएम लगाने और उखाड़ने का काम करने वाली कंपनी के लिए काम करते हैं। जांच में पता लगा कि इन्हें उस इलाके में देना बैंक के एक एटीएम को ले जाना था क्योंकि वो काम नहीं कर रहा था। ऐसे में उन्हें पता लगा कि यूनियन बैंक के एक एटीएम को भी निकालने की इजाजत बैंक ने दी रखी है। तो यूनियन बैंक के लिए काम करने वालों के पहुंचने से पहले ये लोग वहां पहुंच गए गए और एटीएम सहित, दो एसी, यूपीएस, आठ बैठरी और ऊपर लगी डिस्क भी चुरा कर ले गए। हालांकि उस वक्त दुकान मालिक भी वहीं खड़ा था। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि ये बैंक कर्मी नहीं बल्कि चोर हैं।

13 जनवरी को मामला आया सामने: पुलिस ने बताया कि ये पूरा मामला 13 जनवरी को सामने आया जब बैंक की तरफ से दुकान मालिक सत्या कौशिक को कॉल आया। यानी उससे तीन दिन पहले 10 जनवरी को चोरी हो चुकी थी। वहीं जांच में पता लगा है कि ये गिरोह पहले भी एक दो एटीएम ऐसे ही उखाड़ कर चोरी कर चुका है।

खत्म हो गई थी लीज: दुकान मालिक सत्या कौशिक ने पुलिस को बताया कि बैंक के साथ उनका पांच साल का एटीएम कॉन्ट्रेक्ट था जो कि खत्म हो चुका है। जिसके चलते बैंक की तरफ से नोटिस आया था कि उनके कर्मचारी आकर एटीएम सहित सारी चीजें ले जाएंगे। लेकिन ऐसे में चोरों को इस बात की जानकारी हो गई और बैंक कर्मियों से पहले चोर आकर मशीन सहित सारे डिवाइस ले गए।

आरोपियों के क्या है नाम: पुलिस ने आरोपियों के नाम रंजन पांडे, महेन्द्र पाल, बलजिंदर कुमार, अंकित , विशाल और आयुष्मान बताया है।